संदर्भ:
हाल ही में, केंद्र सरकार ने चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए चंद्रयान-5 मिशन/ ल्यूपेक्स(LUPEX) को मंजूरी दी है।
अन्य संबंधित जानकारी
- चंद्रयान-5 भारत के इसरो और जापान के जाक्सा के बीच एक संयुक्त मिशन है जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का अन्वेषण करना है, जिसमें जल संसाधनों और सतह की विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- JAXA चंद्रमा पर रोवर का संचालन करेगा, जबकि ISRO लैंडर का संचालन करेगा, जो रोवर को चंद्रमा पर उतारेगा। इसके अलावा, NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के निगरानी उपकरण भी रोवर पर लगाए जाएंगे।
- चंद्रयान-5 में 250 किलोग्राम का रोवर होगा।
- चंद्रयान-5/लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) का लक्ष्य उच्च क्षमता वाले लैंडर का प्रदर्शन करना है, जो भविष्य के लैंडिंग मिशनों, जिसमें मानव लैंडिंग भी शामिल है, के लिए एक अहम घटक होगा।
- भारत ने यह भी घोषणा की है कि 2035 तक उसका अपना अंतरिक्ष स्टेशन, “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” होगा।
चंद्रयान मिशन

- इसरो ने तीन चंद्रयान मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया हैं।
- 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय लैंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में क्षमता निर्माण हेतु चंद्रयान मिशनों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गई है ।
- चंद्रयान-1 ने चंद्रमा का रासायनिक, खनिज और फोटो-भूगर्भिक मानचित्रण किया था।
- चंद्रयान-2 मिशन (2019) 98 प्रतिशत सफल रहा, लेकिन मिशन के अंतिम चरणों में केवल 2 प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं हो सके।
- चंद्रयान-3: LVM3-M4 ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। 23 अगस्त 2023 को विक्रम लैंडर ने ‘शिव शक्ति’ बिंदु पर सुरक्षित और सौम्य लैंडिंग की, और प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।
- चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लॉन्च होने की संभावना है, और यह चंद्रमा पर लैंडिंग करने और सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौटने की क्षमता का प्रदर्शन करेगा, साथ ही सैंपल संग्रह के लिए तकनीकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।