• यह चंदौली जिले के वाराणसी रिंग रोड से शुरू होगी और बंगाल के हावड़ा जिले में उलुबेरिया के पास NH-16 से मिलेगी।
  • इस परियोजना को वर्ष 2019 में मंजूरी दी गई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में इसकी आधारशिला रखी थी।

परियोजना के बारे में:

  • यह भारतमाला परियोजना के तहत बनाया गया आठ लेन, 686 किमी लंबा एक्सप्रेसवेहै, जिसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • यह ई-वे चंदौली और कोलकाता के बीच सड़क यात्रा को 13-14 घंटे की मौजूदा अवधि से घटाकर 6 घंटे कर देगा।
  • यह अब चालू पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास को भी बढ़ावा देगा।
  • क्षेत्रीय कवरेज: एक्सप्रेसवे चार राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा।
  • ई-वे का महत्व:
  • औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना: एक्सप्रेसवे झारखंड के खनिज बेल्ट, बोकारो स्टील प्लांट और धनबाद की कोयला खदानों से कोलकाता और हल्दिया बंदरगाह तक माल के परिवहन को बढ़ाएगा, जिससे निर्यात और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • पर्यटन को बढ़ावा: यह झारखंड, पश्चिमी पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई प्राकृतिक तथा धार्मिक पर्यटन स्थलों तक पहुँच में सुधार करेगा, जो पहले खराब सड़क संपर्क के कारण वंचित क्षेत्र थे।
  • बढ़ी हुई कनेक्टिविटी: यह वाराणसी और कोलकाता को जोड़ते हुए, एक्सप्रेसवे दिल्ली, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से भी जोड़ेगा।
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