संदर्भ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अक्टूबर, 2025 को गोमती नदी के अविरल प्रवाह के लिए ‘गोमती पुनरुद्धार मिशन’ की घोषणा की, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य इस नदी में गिरने वाले 95 प्रतिशत शहरी सीवेज को रोकना है।
- इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने प्रादेशिक सेना के सहयोग से आयोजित एक बैठक में की।
उद्देश्य: जल निकाय को उसके “स्वच्छ, निर्बाध और प्राचीन रूप” में बहाल करना, प्रदूषण के स्तर को कम करना और नदी के “पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना”।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- इस कार्ययोजना में पीलीभीत से गाजीपुर तक सम्पूर्ण नदी बेसिन को शामिल किया जाएगा।
- अधिकारियों के अनुसार, गोमती नदी में 39 बड़े नाले गिरते हैं, जिनमें से 13 अभी भी अनुपचारित हैं। मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अनुपचारित नाला नदी में न गिरे।
- वर्तमान में, नदी के किनारे 605 MLD क्षमता वाले छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) चालू हैं। इस मिशन के तहत, और अधिक नालों को इन STP की ओर मोड़ा जाएगा और मौजूदा संयंत्रों को उन्नत करते हुए नए संयंत्र बनाए जाएँगे।
- कार्ययोजना में लखनऊ में इकाना आर्द्रभूमि और साजन झील जैसे नए आर्द्रभूमि का विकास शामिल है।
- अधिकारियों को गोमती टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने और तिमाही प्रगति रिपोर्टमुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
गोमती टास्क फोर्स
- स्थापना : जनवरी 2025 के अंतर्गतराष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)।
- संघटन: यह इसमें राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के परियोजना निदेशक और सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, लखनऊ नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
