संबंधित पाठ्यक्रम : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों का जुटाव, विकास, वृद्धि और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

संदर्भ:

विश्व बैंक के अनुसार, भारत का गिनी सूचकांक 25.5 है जिस कारण यह 167 देशों के लिए जारी आंकड़ों में स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया और बेलारूस के बाद विश्व का चौथा सबसे समान देश (most equal country ) है।

अन्य संबंधित जानकारी :

  • भारत “मध्यम से कम” असमानता श्रेणी में आता है, जिसमें 25 से 30 के बीच गिनी स्कोर शामिल है, और यह “निम्न असमानता” समूह में शामिल होने से केवल एक अंश दूर है, जिसमें 24.1 के स्कोर के साथ स्लोवाक गणराज्य, 24.3 पर स्लोवेनिया और 24.4 पर बेलारूस जैसे देश शामिल हैं।
  • इन तीनों के अलावा, भारत का स्कोर उन सभी 167 देशों से बेहतर है जिनके लिए विश्व बैंक ने डेटा जारी किया है।
  • भारत का स्कोर चीन (35.7) और संयुक्त राज्य अमेरिका (41.8) से बहुत कम है।
  • विश्व भर में केवल 30 देश ही “मध्यम से कम” आय असमानता श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
  • इस समूह में आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड और बेल्जियम जैसे कल्याण-उन्मुख यूरोपीय राष्ट्रों के साथ-साथ पोलैंड और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हैं।
  • यह दर्शाता है कि किस प्रकार भारत की आर्थिक प्रगति का साझाकरण उसकी जनसंख्या में समान रूप किया जा रहा है।
  • इस सफलता के पीछे गरीबी को कम करने, वित्तीय पहुंच का विस्तार करने, तथा कल्याणकारी सहायता को सीधे उन लोगों तक पहुंचाने पर लगातार नीतिगत ध्यान केंद्रित करना है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।

गिनी सूचकांक

  • गिनी सूचकांक यह समझने में मदद करता है कि किसी देश में आय, संपत्ति या उपभोग का वितरण घरों या व्यक्तियों में समान रूप से किस प्रकार किया जाता है।
  • इसका मान 0 से 100 तक होता है।
  • 0 स्कोर का अर्थ है पूर्ण समानता, जबकि 100 स्कोर का अर्थ है कि एक व्यक्ति के पास सारी आय, संपत्ति या उपभोग है और अन्य के पास कुछ भी नहीं है, अर्थात पूर्ण असमानता व्याप्त है।
  • गिनी सूचकांक जितना उच्च होगा, देश उतना ही असमान होगा।
  • पिछले कुछ वर्षों में अधिक समान समाज की ओर भारत की यात्रा उसके गिनी इंडेक्स में परिलक्षित होती है।
  • 2011 में यह इंडेक्स 28.8 था, और 2022 में 25.5 पर पहुंच गया है।
  • यह स्थिर बदलाव दर्शाता है कि भारत ने आर्थिक विकास को सामाजिक समानता के साथ जोड़ने की दिशा में लगातार प्रगति हासिल की है|

गरीबी में कमी लाना:

  • विश्व बैंक द्वारा जारी Spring 2025 Poverty and Equity Brief  के अनुसार, 2011-12 और 2022-23 के बीच भारत में असमानता में काफी कमी आई है, तथा 2011-23 के बीच 171 मिलियन भारतीय चरम गरीबी से बाहर निकले हैं।
  • प्रतिदिन 2.15 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों की हिस्सेदारी, जो जून 2025 तक चरम गरीबी की वैश्विक सीमा थी, 2011-12 में 16.2 प्रतिशत से तेजी से गिरकर 2022-23 में केवल 2.3 प्रतिशत रह गई।
  • विश्व बैंक की $3.00 प्रति दिन की संशोधित चरम गरीबी सीमा के तहत, 2022-23 की गरीबी दर 5.3 प्रतिशत तक समायोजित की जाएगी।

वे कल्याणकारी योजनाएं भारत के गिनी सूचकांक में सुधार के लिए जिम्मेदार हैं:

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना
  • प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
  • स्टैन्ड-अप इंडिया
  • आयुष्मान भारत  
  •  प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

विगत वर्षों के प्रश्न (मुख्य परीक्षा) : प्रश्न . कोविड-19 महामारी ने भारत में वर्ग असमानता और गरीबी को बढ़ा दिया है। टिप्पणी कीजिए| (2020)

विगत वर्षों के प्रश्न (प्रारंभिक परीक्षा) प्रश्न . (2010) ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रतिपादित समावेशी विकास में निम्नलिखित में से कौन-सा एक शामिल नहीं है?

(a) गरीबी में कमी

(b) रोजगार के अवसरों का विस्तार

(c) पूंजी बाजार को मजबूत करना

(d) लैंगिक असमानता में कमी

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