संदर्भ:

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के एक कार्य पत्र के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए सामाजिक सुरक्षा की सार्वभौमिक पहुँच हासिल करने के लिए प्रतिवर्ष अतिरिक्त 1.4 ट्रिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी।

मुख्य अंश

  • वित्तपोषण अंतराल का अनुमान: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन दस्तावेज़ सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा हासिल करने हेतु आवश्यक वित्तपोषण अंतराल का वैश्विक, क्षेत्रीय और देश-विशिष्ट अनुमान प्रस्तुत करता है।
    इसमें आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुंच और बच्चों, गंभीर दिव्यांग व्यक्तियों, नवजात शिशुओं की माताओं, वृद्ध व्यक्तियों और बेरोजगारों के लिए पांच प्रमुख सामाजिक सुरक्षा गारंटियां शामिल हैं।
  • इस पत्र में वित्तपोषण की महत्वपूर्ण चुनौती पर प्रकाश डाला गया है, विशेष रूप से निम्न आय वाले देशों के लिए, जहां यह अंतर उनके वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधे से अधिक (52.3 प्रतिशत) है।
    आवश्यक धनराशि का अधिकांश भाग (60.1%) आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल के लिए है।
  • शामिल देश: अध्ययन में 133 निम्न एवं मध्यम आय वाले देश शामिल हैं।
  • क्षेत्रीय विश्लेषण: निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के लिए वित्तपोषण अंतराल वार्षिक रूप से सकल घरेलू उत्पाद का 3.3% है, जिसमें आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल का हिस्सा 2% और पांच प्रमुख सामाजिक सुरक्षा नकद लाभ का हिस्सा 1.3% है।
    विभिन्न क्षेत्रों में, अफ्रीका को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा पहुँच हासिल करने में सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जहां वित्तपोषण का अंतर क्षेत्र के वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद का 17.6% है।
क्षेत्रवार्षिक सकल घरेलू उत्पाद का वित्तपोषण अंतर
अफ्रीका17.6%
अरब राज्य11.4%
लातिन अमेरिका और कैरेबियन2.7%
एशिया और प्रशांत2%
यूरोप और मध्य एशिया1.9%
  • देश-विशिष्ट चुनौतियाँ: सूडान में सभी निम्न और मध्यम आय वाले देशों की तुलना में सबसे बड़ा वित्तपोषण अंतराल है, जिसका कारण संघर्ष, बीमारी का प्रकोप, आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता और जलवायु संकट हैं।

सिफारिशें/उपाय

  • सरकारी व्यय और संसाधन जुटाना: सार्वभौमिक पहुँच हासिल करने के लिए, निम्न और मध्यम आय वाले देशों को कुल वार्षिक व्यय में सरकारी व्यय को 10.6% तक बढ़ाने की आवश्यकता है।
    इसे कराधान, सामाजिक सुरक्षा योगदान और बेहतर संप्रभु ऋण प्रबंधन जैसे घरेलू संसाधनों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
  • सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण का महत्व: कार्य पत्र में जलवायु संकट के प्रभावों को कम करने और जलवायु आघातों को कम करने में सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है।
  • कार्बन कर लगाना: जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए, प्रतिगामी जीवाश्म ईंधन सब्सिडी (स्पष्ट जीवाश्म ईंधन सब्सिडी) को समाप्त करने और कार्बन कर के माध्यम से कार्बन-गहन वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ाने की आवश्यकता है, जो कार्बन उपयोग की पर्यावरणीय लागतों को ध्यान में रखता है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन   

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानव और श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित संस्था है तथा इसका मूल सोच यह है कि सामाजिक न्याय सार्वभौमिक और स्थायी शांति के लिए आवश्यक है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है, ताकि श्रम मानक निर्धारित किए जा सकें, नीतियां विकसित की जा सकें और सभी महिलाओं और पुरुषों के लिए सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार किए जा सकें।

  • इतिहास: इसकी स्थापना वर्ष 1919 में वर्साय की संधि के माध्यम से हुई, जो इसे संयुक्त राष्ट्र की सबसे पुरानी एजेंसियों में से एक बनाती है।
  • वर्ष 1946 में यह एक विशेष संयुक्त राष्ट्र (UN) एजेंसी बन गयी।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड 

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