संदर्भ:

क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान) ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर के बोझ को कम करने के लिए क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल की शुरूआत  की।

क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल का  विवरण: 

  • इसका उद्देश्य जांच कार्यों (स्क्रीनिंग) का विस्तार करके, मानव पेपिलोमावायरस (human papillomavirus-HPV) के खिलाफ टीकाकरण में वृद्धि करके और वंचित क्षेत्रों में रोगी उपचार विकल्पों और देखभाल में सुधार करके गर्भाशय ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer) से निपटना है।
  • मानव पेपिलोमावायरस एक सामान्य यौन संचारित संक्रमण है जो गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर का प्राथमिक कारण है। 
  • यह कैंसर की रोकथाम, पता लगाने और उपचार के लिए नवीन रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा, साथ ही रोगियों और उनके परिवारों पर इसके प्रभाव को कम करेगा।

गर्भाशय ग्रीवा कैंसर

  • गर्भाशय ग्रीवा कैंसर महिला के गर्भाशय ग्रीवा (योनि से गर्भाशय का प्रवेश द्वार) में विकसित होता है।
  • गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले मानव पेपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण से जुड़े होते हैं, जो यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक बेहद आम वायरस है।
  • टीकाकरण के माध्यम से इसे रोका जा सकता है और अगर समय रहते पता चल जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है।
  • भारत में गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के वैश्विक आंकड़े का लगभग पाँचवाँ हिस्सा पाया जाता है, जहाँ हर साल 1.23 लाख मामले सामने आते हैं और लगभग 67,000 मौतें होती हैं।
  • गर्भाशय ग्रीवा कैंसर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा प्रमुख कारण है।

कैंसर मूनशॉट पहल में भारत का योगदान:

  • भारत कैंसर के लिए एआई-आधारित उपचार प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है तथा इस पहल की सराहना  हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने  के तरीके के रूप में की गई।
  • भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कैंसर परीक्षण, स्क्रीनिंग और निदान के लिए 7.5 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया है। 
  • इस क्षेत्र में रेडियोथेरेपी उपचार और कैंसर की रोकथाम के लिए क्षमता निर्माण हेतु सहायता प्रदान करेगा।
  • भारत, गावी (GAVI) और क्वाड (QUAD) कार्यक्रमों के माध्यम से हिंद-प्रशांत देशों को टीकों की 40 मिलियन खुराक की आपूर्ति करेगा।
  • भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन की डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल के लिए अपने 10 मिलियन डॉलर के योगदान के हिस्से के रूप में कैंसर की जांच और देखभाल हेतु तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर से लड़ने के लिए भारत के प्रयास:

  • सर्वावैक: गर्भाशय-ग्रीवा कैंसर की रोकथाम के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन  पेपिलोमावायरस (qHPV) टीका।
  • गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम: यह पहल गर्भाशय-ग्रीवा, मौखिक और स्तन कैंसर के लिए जनसंख्या-आधारित जांच को बढ़ा रहा है। 
  • एसिटिक एसिड के साथ दृश्य निरीक्षण (VIA): यह लागत प्रभावी और सरल विधि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की जांच के लिए प्रयोग की जाती है, जो रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाने में मदद करती है।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY): इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोगियों के लिए कैंसर के उपचार को अधिक किफायती बनाना है।
  • अंतरिम बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए मानव पेपिलोमावायरस टीकाकरण को प्रोत्साहित करने की योजना की घोषणा की।

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