संदर्भ:
हाल ही में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग(DST) तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(AICTE) ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत भारत में एक मजबूत क्वांटम-प्रशिक्षित पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने हेतु एक नया स्नातक पाठ्यक्रम पेश किया है।
कार्यक्रम के बारें में:
- कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्नातक स्तर पर (तीसरे या चौथे सेमेस्टर से) इस विषय में एक लघु कार्यक्रम के माध्यम से क्वांटम प्रौद्योगिकियों के बारे में स्नातक के छात्रों की समझ को बढ़ाना है।
- पाठ्यक्रम कार्यबल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा जिससे वे वैश्विक मानकों तक पहुंच सकें और साथ ही बुनियादी से लेकर अनुप्रयुक्त अनुसंधान तक क्वांटम प्रौद्योगिकी विकास की बहु-विषयक आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
- इसे क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र की रणनीतिक और बहुविषयक आवश्यकताओं को पूरा करके शिक्षा और उद्योग के बीच के अंतराल को कम करने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- पाठ्यक्रम संरचना में क्वांटम प्रौद्योगिकी के सभी चार खंड शामिल हैं।
- यह पाठ्यक्रम क्वांटम- रेडीकार्यबल के गठन में एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा।
- क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संकाय विकास कार्यक्रम भी चलाए जाने का प्रस्ताव है, ताकि वे लघु कार्यक्रम के लक्ष्यों के साथ न्याय कर सकें।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2023 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को मंजूरी दी थी।
इसका उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, उसका पोषण करना और उसे आगे बढ़ाना तथा क्वांटम प्रौद्योगिकी में एक जीवंत और नवीन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
मिशन के उद्देश्यों में 8 वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट वाले मध्यम स्तर के क्वांटम कंप्यूटर विकसित करना शामिल है।
यह मिशन डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को भी बढ़ावा देगा।
मिशन कार्यान्वयन में क्वांटम प्रौद्योगिकी के 4 क्षेत्रों में शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार विषयगत केंद्र (T-Hubs) स्थापित करना शामिल है।
- क्वांटम कम्प्यूटिंग
- क्वांटम संचार
- क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी
- क्वांटम सामग्री और उपकरण
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद:
- AICTE की स्थापना वर्ष 1945 में एक सलाहकार निकाय के रूप में की गई थी तथा वर्ष 1987 में संसद के एक अधिनियम द्वारा इसे वैधानिक दर्जा दिया गया।
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नए तकनीकी संस्थान शुरू करने, नए पाठ्यक्रम आरंभ करने तथा तकनीकी संस्थानों में प्रवेश क्षमता में परिवर्तन हेतु अनुमोदन प्रदान करता है।
- यह शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे संस्थानों हेतु मानदंड और मानक भी निर्धारित करता है।
- मुख्यालय- नई दिल्ली