सम्बन्धित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन 3: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन जुटाना, विकास, वृद्धि और रोज़गार से संबंधित मुद्दे।
संदर्भ:
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई माह में बढ़कर 16 महीनों के उच्चतम स्तर 59.1 पर पहुँच गई।
अन्य सम्बन्धित जानकारी
- HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग PMI जून के 58.4 से बढ़कर जुलाई में 59.1 पर पहुंच गया, जो मार्च 2024 के बाद से क्षेत्र की सबसे मज़बूत वृद्धि को दर्शाता है।
- सर्वेक्षण के अनुसार, कुल बिक्री में वृद्धि लगभग पाँच वर्षों में सबसे तेज़ रही। इसके फलस्वरूप उत्पादन में भी तेज़ी आई और यह जुलाई में 15 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, साथ ही दीर्घकालिक औसत प्रवृत्ति से अधिक रहा।
- भारतीय विनिर्माताओं ने अगले 12 महीनों में उत्पादन बढ़ने की संभावना जताई है, हालांकि, सकारात्मक दृष्टिकोण का समग्र स्तर पिछले तीन वर्षों के न्यूनतम स्तर पर आ गया है।
- वास्तव में, जुलाई में अदत्त ऑर्डरों की मात्रा में केवल मामूली बढ़ोतरी देखी गई।
क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI)
- PMI किसी देश की आर्थिक गतिविधियों का संकेतक होता है, जो विभिन्न कंपनियों के मासिक सर्वेक्षणों पर आधारित होता है। यह विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों की प्रवृत्तियों को दर्शाता है।
- यह सूचकांक यह बताने में मदद करता है कि क्रय प्रबंधकों की नजर में बाज़ार की स्थिति विस्तार की ओर है, संकुचन की ओर या स्थिर है।
- PMI वर्तमान और भविष्य की व्यावसायिक स्थितियों के बारे में जानकारी देता है।
- यह देश की आर्थिक गतिविधियों के पूर्वानुमान के लिए सबसे महत्वपूर्ण संकेतकों में से एक माना जाता है।
PMI दो प्रकार के होते हैं:
- विनिर्माण PMI
- सेवा PMI
विनिर्माण PMI और सेवा PMI दोनों का उपयोग करके एक संयुक्त सूचकांक भी बनाया जाता है।
विनिर्माण PMI
मैन्युफैक्चरिंग PMI को तैयार करने के लिए संबंधित क्षेत्र की बड़ी संख्या में कंपनियों को तथ्यात्मक प्रश्नावली भेजी जाती है। ये प्रश्न पूरी तरह से वस्तुनिष्ठ होते हैं और इनमें किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत राय की गुंजाइश नहीं होती।
ये प्रश्न पाँच प्रमुख संकेतकों से संबंधित होते हैं, जिनका सूचकांक में निम्नलिखित भार होता है:
- नए ऑर्डर (30%)
- आउटपुट (25%)
- रोजगार (20%)
- आपूर्तिकर्ताओं की डिलीवरी समय (15%)
- खरीदी गई वस्तुओं का स्टॉक (10%)
यदि PMI का मान 50 से अधिक होता है, तो यह आर्थिक गतिविधियों के विस्तार (Expansion) को दर्शाता है, जबकि 50 से कम होने पर यह संकुचन (Contraction) का संकेत देता है। वृद्धि या गिरावट की दर को 50 के सापेक्ष दूरी और पिछले माह के आँकड़ों की तुलना से आंका जाता है।
उत्पत्ति: PMI की अवधारणा सबसे पहले वर्ष 1948 में अमेरिका की ‘इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM)’ द्वारा विकसित की गई थी।
वर्तमान में, IHS Markit भारत सहित 30 अन्य देशों के लिए यह सूचकांक तैयार करता है।
IHS द्वारा भारत का PMI, 500 विनिर्माण कंपनियों के सर्वेक्षण पर आधारित होता है।
PMI का महत्व
- यह सूचकांक देश में विनिर्माण गतिविधियों के पूर्वानुमान में अर्थशास्त्रियों के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य करता है।
- यह निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं को आगामी महीनों में प्राप्त होने वाले नए ऑर्डरों के आधार पर अपनी उत्पादन रणनीति और क्षमता नियोजन में सहायता करता है।
- यह देश की आर्थिक स्थिति को समझने में शेयर बाज़ार के निवेशकों को महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करता है, जिससे वे अपने निवेश निर्णय अधिक सूझबूझ के साथ ले सकते हैं।