संदर्भ: फिलीपींस ने दक्षिण-पूर्व एशिया के पहले कोरल लार्वा क्रायोबैंक की शुरुआत की है, यह प्रयास कोरल प्रजातियों की आनुवंशिक विविधता को संरक्षित करने और क्षतिग्रस्त भित्तियों को पुनर्स्थापित करने की एक अभूतपूर्व पहल है।

  • फिलीपींस विश्वविद्यालय के समुद्री विज्ञान संस्थान में स्थित इस क्रायोबैंक में कोरल लार्वा को अत्यंत निम्न तापमान पर संरक्षित किया जायेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में रीफ की पुनर्स्थापना के लिए उन्हें पुनर्जीवित किया जा सके।

बायोरॉक टेक्नोलॉजी:

  • बायोरॉक तकनीक, जिसे खनिज अभिवृद्धि तकनीक भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें समुद्री जल में कम वोल्टेज की सुरक्षित विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान पानी में घुले खनिज धीरे-धीरे संरचना की सतह पर जमकर क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं और सफेद चूना पत्थर बनाते हैं। यह चूना पत्थर प्राकृतिक कोरल भित्तियों और उष्णकटिबंधीय समुद्र तटों की सफेद रेत की तरह दिखाई देता है।
  • जब समुद्र तल पर एक धनात्मक आवेशित एनोड और एक ऋणात्मक आवेशित कैथोड को विद्युत धारा के साथ स्थापित किया जाता है, तो समुद्री जल में मौजूद कैल्शियम आयन कार्बोनेट आयनों के साथ प्रतिक्रिया करके कैथोड की सतह पर जमने लगते हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कैथोड पर कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO₃) का निर्माण होता है।

कोरल रीफ़:

  • कोरल रीफ़ जीवंत जलगत पारिस्थितिक तंत्र हैं, जो कोरल पॉलिप्स की कॉलोनियों से निर्मित होते हैं, जो कैल्शियम कार्बोनेट का स्राव कर कठोर, चूना पत्थर के कंकाल बनाते हैं, जो समय के साथ जमा होते रहते हैं।
  • कोरल रीफ़ 100 से अधिक देशों और क्षेत्रों में पाई जाती हैं, और यद्यपि ये समुद्र तल के 1 प्रतिशत से भी कम क्षेत्र को कवर करते हैं, फिर भी वे कम से कम 25 प्रतिशत समुद्री प्रजातियों का पोषण करते हैं।

प्रवालों के लिए खतरा:

  • विश्व में कोरल भित्तियों की स्थिति 2020 रिपोर्ट के अनुसार, 2009 और 2018 के बीच पृथ्वी ने अपने 14% कोरल खो दिए।
  • वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाया गया तो 2050 तक 70-90% जीवित कोरल आवरण नष्ट हो सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, सबसे महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों के तहत भी महासागर के तापमान को स्थिर होने में दशकों लग सकते हैं, जिससे अंतरिम अवधि में कोरल पारिस्थितिकी तंत्र खतरनाक रूप से असुरक्षित हो जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त, बढ़ते कार्बन उत्सर्जन, गलत तरीके से मछली पकड़ना, वायु, जल और मृदा प्रदूषण, तथा जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव, सभी कोरल विरंजन को बढ़ावा दे रहे हैं।
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