संदर्भ :
डाक विभाग ने कोडईकनाल सौर वेधशाला (KSO) की 125वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) द्वारा 1 अप्रैल 2024 को प्रतिष्ठित कोडाईकनाल सौर वेधशाला (KSO) की 125 वीं वर्षगांठ मनाई गई।
- यह स्मारक डाक टिकट KSO के समृद्ध इतिहास, उल्लेखनीय वैज्ञानिक उपलब्धियों और समाज के प्रति उसके अटूट योगदान का जश्न मनाता है।
- यह टिकट अब पूरे भारत में डाक टिकट संग्रह ब्यूरो में उपलब्ध है तथा इसे ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA)
- भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की उत्पत्ति मद्रास वेधशाला से हुई, जिसकी स्थापना 1786 में हुई थी। इसे 1899 में तमिलनाडु के कोडईकनाल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
- बाद में इसका नाम बदलकर कोडईकनाल वेधशाला कर दिया गय। यह एक पूर्ण सौर और तारकीय या नक्षत्रीय वेधशाला के रूप में कार्य कर रही है।
- अपने वर्तमान स्वरूप में, IIA की स्थापना 1971 में खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी और भौतिकी के संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान के रूप में की गई थी ।
- संस्थान को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
- KSO में 20वीं सदी के प्रारंभ से प्रतिदिन रिकार्ड की गई 1.2 लाख डिजिटाइज्ड सौर छवियों तथा सूर्य की हजारों अन्य छवियों का डिजिटल संग्रह है।
भारत में अन्य प्रमुख वेधशालाएं
बेधशाला | जगह | स्थापित | द्वारा संचालित किया गया | विशेषज्ञता / नोट्स |
मद्रास वेधशाला | चेन्नई, तमिलनाडु | 1792 | (1899 में KSO के साथ विलय) | क्षेत्र में पहली वेधशाला; सौर, चंद्र, तारकीय और ग्रह संबंधी डेटा रिकॉर्ड किया गया (1812-1825) |
भारतीय खगोलीय वेधशाला | हानले, लद्दाख | 1997 | भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) | विश्व की सबसे ऊंची वेधशालाओं में से एक। |
माउंट आबू इन्फ्रारेड वेधशाला | गुरुशिखर , राजस्थान | 1990 | भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) | अवरक्त खगोल विज्ञान में विशेषज्ञता |
विशाल मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप | पुणे, महाराष्ट्र | 1984-1996 | राष्ट्रीय रेडियो खगोलभौतिकी केंद्र (NCRA) | रेडियो खगोल विज्ञान पर केंद्रित |