संदर्भ:

भारत के प्रधानमंत्री तमिलनाडु के कन्याकुमारी में अवस्थित विवेकानन्द स्मारक शिला (विवेकानंद रॉक मेमोरियल) में ध्यान करके के लिए पहुँचे है।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) के बारे में

  • यह एक छोटा चट्टानी टापू है, जो हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के संगम पर, लक्षद्वीप सागर में कन्याकुमारी के वावथुराई समुद्र तट से लगभग 500 मीटर की दूरी पर अवस्थित है।
  • वर्ष 1892 में स्वामी विवेकानंद ध्यान करने के लिए कन्याकुमारी के तट से तैरकर इस चट्टानी टापू तक गए थे।
  • उनके शिष्यों का मानना है कि उन्होंने वहाँ तीन दिन और तीन रात तक ध्यान करके ज्ञान प्राप्त किया।
  • एस. पी. अग्रवाल द्वारा रचित गीता की सामाजिक भूमिका (1993) के अनुसार, विवेकानंद ने वर्ष 1894 में स्वामी रामकृष्णानंद (श्री रामकृष्ण, उनके गुरु के नाम से भ्रमित न हों) की टापू की उनकी यात्रा के बारे में लिखा था।

विवेकानंद रॉक मेमोरियल से संबंधित अन्य जानकारी :

  • वर्ष 1963 में स्वामी विवेकानंद की जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर एकनाथ रानाडे के नेतृत्व में विवेकानंद रॉक मेमोरियल समिति ने उनके ज्ञान प्राप्ति स्थल को स्मरण करने का प्रयास किया। बाद में, वर्ष 1970 में राष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया।
  • यह पारंपरिक और आधुनिक भारतीय स्थापत्य शैली, विशेषकर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का संयोजन है।
  • इस स्मारक के प्रवेश द्वार पर अजंता और एलोरा गुफा मंदिरों की स्थापत्य शैली की झलक मिलती है, जबकि स्मारक का मंडपम बेलूर के श्री रामकृष्ण मंदिर जैसा दिखता है।
  • श्रीपद मंडपम, विवेकानंद रॉक मेमोरियल की दो मुख्य संरचनाओं में से एक है, यह एक बाहरी मंच के भीतर संलग्न इसका गर्भगृह (वर्गाकार हॉल) है।
    इसमें ध्यान मंडपम, मुख मंडपम, नमस्तुभ्यम और सभा मंडपम जैसे खंड शामिल हैं। इनमें से ध्यान मंडपम, जिसे मेडिटेशन हॉल भी कहा जाता है, भारतीय मंदिर वास्तुकला की विभिन्न शैलियों को एकीकृत करके बनाया गया है।

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