संदर्भ:

केंद्र सरकार फसल विविधीकरण सुनिश्चित करने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दलहन उत्पादन की खरीद के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • सरकार ई-समृद्धि पोर्टल (e-Samridhi portal)  पर पंजीकृत किसानों से MSP पर तुअर, उड़द और मसूर दालों की खरीद करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • किसानों के पंजीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) के माध्यम से ई-समृद्धि पोर्टल शुरू किया गया है। 
  • भारत वर्तमान मे तुअर, उड़द और मसूर दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है और 2027 तक आत्मनिर्भरता हासिल करने का लक्ष्य है।
  • भारत ने  मूंग और चना के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है तथा पिछले 10 वर्षों के दौरान आयात पर निर्भरता 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दी है।
  • नई आदर्श दलहन ग्राम योजना चालू खरीफ मौसम के दौरान शुरू की जा रही है।
  • भारत सरकार ने 150 दलहन बीज केन्द्र खोले हैं तथा कम उत्पादकता वाले जिलों में ICAR  द्वारा क्लस्टर फ्रंट लाइन प्रदर्शन (CFLD) दिए जा रहे हैं।
  • राज्य सरकारों से अनुरोध है कि वे चावल की फसल कटने के बाद परती भूमि का उपयोग दालों की खेती के लिए करें।
  • राज्य सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे तुअर की अंतर-फसल को सक्रियता से अपनाएं।
  • जलवायु-सहिष्णु किस्मों और अल्पावधि किस्मों को विकसित करने की आवश्यकता है ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला किया जा सके।

दलहन उत्पादन में भारत की स्थिति

  • भारत विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश है।
  • पिछले पांच वर्षों (2018-19 से 2022-23) के दौरान कुल दाल उत्पादन में 18% की वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2022-23 के उत्पादन अनुमान के आधार पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान देश के शीर्ष तीन दाल उत्पादक राज्य हैं।

दाल उत्पादन बढ़ाने के लिए अन्य सरकारी प्रयास

  • राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) के माध्यम से केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
  • “दलहन विकास योजना” एक केन्द्र प्रायोजित योजना है, जिसे चतुर्थ पंचवर्षीय योजना (1969-70 से 1973-74) से शुरू किया गया था।
  • सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90): राष्ट्रीय दलहन विकास परियोजना (NPDP) की परिकल्पना की गई, जिसमें दलहनों पर पहले की सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को मिला दिया गया
  • राज्य, राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति (SLSC) के अनुमोदन से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के अंतर्गत दालों को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • सरकार,  मूल्य समर्थन योजना (PSS), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (PDPS) और निजी खरीद EVM स्टॉकिस्ट योजना (PPSS) को शामिल करते हुए एक व्यापक योजना पीएम-आशा को क्रियान्वित करती है, ताकि अधिसूचित तिलहन, दलहन और खोपरा की उपज के लिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।

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