संदर्भ:
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुंबई में एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCoE) की स्थापना को मंजूरी दी।
राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCoE)
- राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की घोषणा वर्ष 2022-23 के बजट में की गई थी, जिसमें देश में एवीजीसी टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव था।
- केंद्र ने इसका अस्थायी नाम इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर इमर्सिव क्रिएटर्स (IIIC) रखा है तथा यह आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के अनुरूप कार्य करेगा।
- यह कंपनी अधिनियम 2013 के तहत धारा 8 कंपनी के रूप में काम करेगा।
- यह भारत सरकार के साथ-साथ भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) और भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) जैसे उद्योग निकायों के साथ साझेदारी करेगा।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स क्षेत्र में क्रांति लाना है, जो पेशेवरों को स्थिर (Immersive) प्रौद्योगिकियों में आवश्यक कौशल से परिपूर्ण करता है।
- फिक्की-ईवाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा एनीमे प्रशंसक आधार है और आने वाले वर्षों में एनीमे की रुचि में वैश्विक वृद्धि में 60% योगदान करने के लिए तैयार है।
राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के लाभ
- अप्रत्याशित वृद्धि की संभावना: इससे उद्योग के 25% की दर से बढ़ने और वर्ष 2023 तक 46 बिलियन रुपये मूल्य तक पहुँचने की उम्मीद (फिक्की-ईवाई 2024 रिपोर्ट) है, जो जोशीले युवा प्रतिभाओं के लिए रोमांचक अवसर प्रस्तुत करता है। आरआरआर और बाहुबली जैसी सफल फ़िल्में एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स क्षेत्र में विशाल अवसरों को प्रदर्शित करती हैं, जो रोज़गार और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
- इमर्सिव प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण: राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र वर्चुअल रियलिटी (VR), संवर्धित वास्तविकता (AR) और 3डी मॉडलिंग पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो महत्वाकांक्षी पेशेवरों के लिए एक रचनात्मक फलक प्रदान करेगा।
- निपुणता का प्रवेशद्वार: छात्रों को आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत को एकीकृत करने, स्वदेशी बौद्धिक संपदा (IP) सृजन को बढ़ावा देने और भारत की डिजिटल रचनात्मक अर्थव्यवस्था के विकास में सहायता करने के लिए अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
- रचनात्मक उद्योग अब 30 बिलियन डॉलर का उद्योग है और यह भारत की लगभग 8 प्रतिशत कार्यशील आबादी को रोजगार प्रदान करता है।
- रोजगार सृजन: राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र अनुमानतः 500,000 रोजगार सृजन के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा और विशिष्ट कौशल विकास प्रदान करेगा।
- व्यावहारिक शिक्षण के अवसर: राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के छात्रों को व्यावहारिक, उद्योग-संचालित पाठ्यक्रमों से लाभ मिलेगा जो उन्हें स्नातक होने के बाद नौकरियों के लिए तैयार करेंगे।
- सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र: राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र का लक्ष्य सरकारी संस्थाओं, शिक्षाविदों और उद्योग के बीच साझेदारी को बढ़ावा देकर, इमर्सिव प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान और नवाचार के लिए एक गतिशील वातावरण बनाना है।