संबंधित पाठ्यक्रम सामान्य अध्ययन-3: पर्यावरण एवं कृषि
संदर्भ:
हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि वानिकी को समर्थन देने के लिए मॉडल नियम पेश किए हैं।
अन्य संबंधित जानकारी:
- ये दिशानिर्देश कृषि भूमि पर पेड़ों की कटाई के लिए स्पष्ट और सुसंगत नियमों के अभाव को दूर करने के लिए पेश किए गए हैं।
- इनका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना, जलवायु परिवर्तन को कम करना, वृक्ष आवरण बढ़ाना, इमारती लकड़ी के आयात को घटाना और सतत उपयोग सुनिश्चित करना है।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मॉडल नियमों की समीक्षा करने और उन्हें अपनाने पर विचार करने को कहा है।
- इसका उद्देश्य कृषि वानिकी व्यवसाय को आसान बनाना तथा किसानों को अनावश्यक प्रक्रियाओं के बिना पेड़ उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मॉडल नियमों से संबंधित मुख्य बातें:
- ये नियम परामर्शात्मक प्रकृति के हैं और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्वयं के नियम बनाने में मदद करने के लिए हैं।
- लकड़ी आधारित उद्योग दिशानिर्देश, 2016 के अंतर्गत एक राज्य स्तरीय समिति की स्थापना की जाएगी।
कृषि वानिकी क्या है?
- कृषि वानिकी एक ही भूमि पर कृषि और वानिकी गतिविधियाँ अपनाने की पद्धति है।
- भारत में कृषि वानिकी वृक्ष वे अवशिष्ट वृक्ष होते हैं जो कृषि उपयोग के लिए वनों की सफाई के बाद बचे रह जाते हैं। ये वृक्ष भूमि को छाया प्रदान करते हैं, मृदा को उर्वर बनाते हैं, और अन्य कई पारिस्थितिक लाभ प्रदान करते हैं।
- समिति के मुख्य कार्य
- कृषि वानिकी गतिविधियों की देखरेख करना
- सत्यापन एजेंसियों का प्रबंधन करना
- लकड़ी की खेती को बढ़ावा देना
- बाजार संपर्क में सुधार करना
- आवेदकों को अपनी बागान भूमि को राष्ट्रीय इमारती लकड़ी प्रबंधन प्रणाली (NTMS) पोर्टल पर पंजीकृत कराना होगा।
- पेड़ों को काटने की सरल प्रक्रिया:
- 10 से कम पेड़ों के लिए: आवेदक को NTMS पोर्टल पर प्रत्येक पेड़ की स्पष्ट तस्वीरें अपलोड करनी होंगी। सिस्टम स्वचालित रूप से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी कर देगा।
- 10 से अधिक पेड़ों के लिए: आवेदक को NTMS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। एक राज्य द्वारा अनुमोदित सत्यापन एजेंसी साइट का निरीक्षण करेगी, और मंजूरी के बाद पोर्टल पर पेड़ों की कटाई की अनुमति जारी की जाएगी।
कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल
- राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति (2014): भारत कृषि वानिकी के लिए राष्ट्रीय नीति शुरू करने वाला पहला देश है। यह नीति किसानों को खेतों में पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है और पेड़ लगाने तथा काटने से संबंधित नियमों को सरल बनाती है।
- कृषि वानिकी पर उप-मिशन (SMAF): यह योजना किसानों को पेड़ लगाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है, नर्सरियों को समर्थन देती है और जागरूकता का प्रसार करती है। यह विशेष रूप से सीमांत, अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) और महिला किसानों के लिए लाभकारी है।
- प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): यह योजना जल-संरक्षण आधारित कृषि को बढ़ावा देती है। इसमें एकीकृत खेती और वाटरशेड विकास के माध्यम से मृदा और जल के उपयोग में सुधार के लिए कृषि वानिकी प्रथाओं को अपनाया जाता है।
भारत में कृषि वानिकी
- कवरेज: भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 8.65% (लगभग 28.42 मिलियन हेक्टेयर)।
- भूमि उपयोग: 56% कृषि भूमि और 20% वन भूमि।
- कृषि वानिकी क्षेत्र के अनुसार शीर्ष राज्य:
o उत्तर प्रदेश – 1.86 मिलियन हेक्टेयर
o महाराष्ट्र – 1.61 मिलियन हेक्टेयर
o राजस्थान – 1.55 मिलियन हेक्टेयर
- राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM): यह किसानों को बांस उगाने में मदद करता है, जो कृषि वानिकी में एक उपयोगी पेड़ है। यह उन लोगों की भी सहायता करता है जो अपनी आय के लिए बांस पर निर्भर हैं।
- एकीकृत कृषि प्रणाली (IFS): यह प्रणाली फसलों, पशुओं और पेड़ों को एक ही खेत में मिलाकर अपनाई जाती है। इससे उत्पादकता बढ़ती है, जोखिम कम होता है, और किसानों की आय में वृद्धि होती है।
- नीति आयोग की ग्रो पहल (2024): यह कार्यक्रम कृषि वानिकी के लिए सर्वोत्तम भूमि खोजने और पेड़ों के साथ बंजर भूमि को बहाल करने के लिए उपग्रह मानचित्रण का उपयोग करता है।
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
सतत कृषि और जलवायु परिवर्तन शमन के संदर्भ में भारत में कृषि वानिकी के महत्व पर चर्चा कीजिए। हाल की नीतिगत पहलों पर प्रकाश डालिए और कृषि वानिकी प्रथाओं को बड़े पैमाने पर अपनाने में चुनौतियों का परीक्षण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)