संदर्भ:
यूरोपियन हार्ट जर्नल (European Heart Journal-EHJ) के अध्ययन में पाया गया है कि शर्करा (चीनी) के विकल्प जाइलिटॉल (Xylitol) और एरिथ्रिटॉल (Erythritol), रक्त के थक्के और दिल के दौरे का कारण बनकर स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
अध्ययन की मुख्य बातें
- जाइलिटॉल (Xylitol) जैसे कृत्रिम स्वीटनर, जो सामान्यतः शुगर-फ्री च्युइंग गम, कम चीनी वाले बेक्ड सामान, मिंट और यहाँ तक कि टूथपेस्ट में पाए जाते हैं, रक्त के थक्के का कारण बन सकते हैं, जिसके कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे गंभीर हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
यूरोपियन हार्ट जर्नल (EHJ)
- यह यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी का एक अंतरराष्ट्रीय, अंग्रेजी भाषा का आधिकारिक सामान्य कार्डियोलॉजी जर्नल है।
- यह कार्डियोवैस्कुलर मेडिसिन संबंधी अग्रणी प्रकाशन है, जो नैदानिक और वैज्ञानिक दोनों पहलुओं को कवर करता है।
ज़ाइलिटॉल (C2H12O5 ) के बारे में
- इसकी रासायनिक संरचना चीनी के समान है, लेकिन इसमें कैलोरी की मात्र कम होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच लोकप्रिय विकल्प है।
- इसे अक्सर चीनी का सुरक्षित स्थानापन्न अर्थात विकल्प के रूप में प्रचारित किया जाता है, लेकिन हालिया अध्ययन, विशेषकर हृदय रोगो के जोखिम वाले व्यक्तियों को इससे सावधान रहने की आवश्यकता का उल्लेख करते हैं।
- इसके अधिक सेवन से हाइपरकोएगुलेबिलिटी (hypercoagulability) की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसके कारण रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है।
- ज़ाइलिटॉल द्वारा प्रेरित बढ़ी हुई प्लेटलेट प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप रक्त वाहिकाओं में थक्के बन सकते हैं। इन थक्कों में धमनियों और नसों दोनों में रक्त प्रवाह को बाधित करने की क्षमता होती है, जिससे गंभीर हृदय संबंधी घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं।
एरिथ्रिटॉल (C4H10O4) के बारे में
- गत वर्ष, शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि एरिथ्रिटॉल हृदय रोग संबंधी जोखिम का कारण भी बन सकता है।
- यह एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, जिसे शुगर अल्कोहल (Sugar Alcohol) या पॉलीऑल (Polyol) कहा जाता है।
- यह अन्य शर्करा अल्कोहल से अलग है, क्योंकि इसमें शून्य कैलोरी होती है।
- यह विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों के अलावा किण्वित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।
- जब इसका उपयोग स्वीटनर के रूप में प्रयोग किया जाता है, तब एरिथ्रिटॉल का स्तर सामान्य खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले स्तर से 1,000 गुना अधिक होता है।