संदर्भ: भारत ने किशोरियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की।

  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने इस पहल के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के साथ भागीदारी की है, जो 19 राज्यों के 27 जिलों में 3,800 लड़कियों को लक्षित करेगा।
  • यह कार्यक्रम गैर-पारंपरिक और उच्च-मांग वाली नौकरियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा तथा परामर्श, कैरियर मार्गदर्शन और नौकरी प्लेसमेंट सहायता सहित व्यापक सहायता प्रदान करते हुए डिजिटल कौशल और सॉफ्ट स्किल्स विकास पर जोर देगा।
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY 4.0) के तहत प्रशिक्षण PMKK, JSS केंद्रों, 27 आकांक्षी जिलों के सरकारी संस्थानों और 60+ प्रशिक्षण केंद्रों में आयोजित किया जाएगा। महिला प्रशिक्षुओं को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से परिवहन सहायता के लिए प्रति माह ₹1,000 प्रदान किए जाएंगे।
  • प्रशिक्षण फोकस: लड़कियों को IT, आतिथ्य और हरित नौकरियों जैसी गैर-पारंपरिक नौकरी भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • यह परियोजना ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ने में मदद करेगी और POSH (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) पर संवेदनशीलता प्रदान करेगी। इसके अलावा, इससे हमारे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में महिला नामांकन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
  • प्रोत्साहन: यह बोर्डिंग और लॉजिंग, यात्रा लागत एवं प्लेसमेंट के बाद वजीफा जैसे प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
  • लक्ष्य: परियोजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए उद्यमशीलता कौशल विकसित करना है।
  • प्रगति पर नज़र रखना: MWCD जिलेवार और पाठ्यक्रमवार मैपिंग सिस्टम के माध्यम से लड़कियों की प्रगति और प्लेसमेंट पर नज़र रखेगा।
  • वर्तमान स्थिति: 2,200 लड़कियों को नामांकित किया गया है, जिनमें से 1,346 लड़कियों को 15 जिलों के 21 केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए चुना गया है।
  • इस पहल में सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण, कैरियर परामर्श और समग्र विकास भी शामिल होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवार कार्यबल के लिए तैयार हैं।
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