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सामान्य अध्ययन-1: भारतीय संस्कृति में प्राचीन से लेकर आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
सामान्य अध्ययन -1: भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
संदर्भ: हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वाराणसी में ‘काशी तमिल संगमम्‘ के चौथे संस्करण का उद्घाटन किया।
काशी तमिल संगमम् 4.0
- काशी तमिल संगमम् 4.0 का विषय है “आओ तमिल सीखें – तमिल करकलम (Let us Learn Tamil – Tamil Karkalam)”। यह आयोजन की एकजुट करने वाली विशेषता होगी, जो यह संदेश देगी कि सभी भारतीय भाषाएँ हमारी अपनी हैं और एक ‘भारतीय भाषा परिवार’ से संबंधित हैं।
- इस पहल का उद्देश्य तमिल भाषा को देश के अन्य हिस्सों तक पहुँचाना है, जो सांस्कृतिक का प्रतीक है| इसके साथ ही शास्त्रीय तमिल ग्रंथों में संरक्षित प्राचीन ज्ञान के भंडार का विस्तार करना तथा इसका अन्य भारतीय भाषाओं में प्रचार-प्रसार करना है।
इस वर्ष के आयोजन के मुख्य आकर्षण

- रामेश्वरम में भव्य समापन समारोह
- इस आयोजन का भव्य समापन समारोह रामेश्वरम में हुआ|
- इसने सांस्कृतिक एकता और रामेश्वरम के ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया।
- नई पहलों का शुभारंभ
- तमिल करकलम
- यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिससे उत्तर भारत के छात्र तमिल सीख सकते हैं।
- इसका उद्देश्य भाषाई आदान-प्रदान और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना है।
- ऋषि अगस्त्य वाहन अभियान (SAVE)
- यह तमिलनाडु के तेनकासी से उत्तर प्रदेश के काशी तक की यात्रा है।
- यह मार्ग ऋषि अगस्त्य द्वारा अपनाए गए पथ का अनुसरण करता है| ऋषि अगस्त्य को तमिलनाडु औरउत्तर भारत के बीच ज्ञान और सांस्कृतिक एकता के प्रसारका प्रतीक माना जाता है।
- यह यात्रा पांड्य शासक आदि वीर पराक्रम पांडियन की विरासत को महत्त्व देती है, जिन्होंने उत्तर की यात्रा की और एक शिव मंदिर का निर्माण करवाया| इसी कारण इस स्थान का नाम तेनकासी या दक्षिण काशी पड़ा।
- यह अभियान चेर, चोल, पांड्य, पल्लव, चालुक्य और विजयनगर काल के दौरान हुए सभ्यतागत संपर्क को उजागर करता है।
- तमिल करकलम
‘काशी तमिल संगमम्‘ के बारे में
- काशी तमिल संगमम् (KTS) अनादिकाल से तमिलनाडु और काशी के बीच के संबंधों का उत्सव मनाने, सभ्यतागत संपर्क को मजबूत करने और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरणादायक पहल है।
- काशी तमिल संगमम् का उद्देश्य देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा केंद्रों तमिलनाडु और काशी के बीच के सदियों पुराने संबंधों को फिर से उजागर करना, उन्हें महत्त्व देना और उनका उत्सव मनाना है।
- अन्य मंत्रालयों (जैसे संस्कृति, वस्त्र, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण आदि) और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय काशी तमिल संगमम् का आयोजन कर रहा है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना, अपने-अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं एवं परम्पराओं को साझा करने तथा एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर प्रदान करना है।
- यह प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के उस लक्ष्य से संरेखित है जिसमें भारतीय ज्ञान प्रणालियों की समृद्ध विरासत को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर बल दिया गया है।
- काशी तमिल संगमम् का पहला संस्करण वर्ष 2022 में आज़ादी के अमृत महोत्सव के राष्ट्रव्यापी आयोजन के दौरान आयोजित किया गया था।
- इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियाँ आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी हैं।
Source:
PIB
Kashi Tamil
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