संदर्भ:
हाल की कुछ रेल दुर्घटनाओं के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली कवच (KAVACH) के कार्यान्वयन का आह्वान किया है।
कवच प्रणाली
- यह स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली हैजिसका उद्देश्य ट्रेन की ब्रेकिंग प्रणाली को स्वचालित रूप से सक्रिय करके ट्रेन टकराव को रोकना है।
- विकासकर्ताः इसे भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन द्वाराविकसित किया गया है।
- ट्रेन टक्कर परिहार प्रणाली (Train Collision Avoidance System–TCAS) कवच में पहले से मौजूद, उपयोग किए तथा टेस्टिड हुए प्रणाली जैसे- यूरोपीय ट्रेन सुरक्षा और चेतावनी प्रणाली तथा स्वदेशी टक्कर रोधी उपकरण को शामिल किया गया हैं।
- सुरक्षा अखंडता स्तर-4 (SIL-4) यह मानकों के साथ एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है, जो ट्रेनों को लाल सिग्नल (जो खतरे का संकेत है) से गुजरने से रोकता है और टकराव से बचाकर सुरक्षा प्रदान करती है।
- इस प्रौद्योगिकी में एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो स्टेशनों, रेलगाड़ियों और पटरियों पर स्थित रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) प्रणालियों से जुड़ा होता है।
रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन प्रौद्योगिकी लोगों या वस्तुओं की पहचान करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है।
कवच (KAVACH) की मूल विशेषताएं:
- यह ट्रेनों को अनुमत्य गति से चलने की अनुमति देता है।
- यह लोको पायलटों को खतरे में सिग्नल पासिंग (Signal Passing at Danger-SPAD) को रोकने में सहायता करता है।
- यह निरंतर गति पर्यवेक्षण प्रदान करता है।
- यह लोको पायलट के कैब (केबिन) में सिग्नल पहलुओं और संचलन प्राधिकरण को प्रदर्शित करता है।
- यह संभावित टकरावों से सुरक्षा प्रदान करता है।
रेल दुर्घटनाओं को रोकने हेतु भारत की कुछ प्रमुख पहलें
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में कवच (KAVACH) के गठन हेतु 1,112.57 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
- महत्वपूर्ण सुरक्षा परिसंपत्तियों के बदलाव/नवीनीकरण/उन्नयन हेतु वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (RRSK) की शुरुआत की गई थी।