संदर्भ:

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कर्नाटक के मांड्या और यादगिरी जिलों में लिथियम संसाधनों की खोज की घोषणा की। 

मुख्य अंश

  • परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMD) ने यादगिरी जिले में प्रारंभिक सर्वेक्षण और सीमित भूमिगत अन्वेषण किया, जिसके तहत मांड्या जिले के मरलागल्ला क्षेत्र में 1,600 टन (जी3 चरण/प्रारंभिक अन्वेषण) लिथियम संसाधनों की पहचान और आंकलन किया गया।

भारत भर में अन्वेषण प्रयास

  • अन्य संभावित लिथियम क्षेत्र: केंद्रीय मंत्री के अनुसार परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय के अन्वेषण प्रयास निम्नलिखित विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे हैं: 
  1. कोरबा जिला, छत्तीसगढ़
  2. राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश में प्रमुख अभ्रक क्षेत्र।
  3. ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में पेग्माटाइट क्षेत्र।

हिमाचल प्रदेश में यूरेनियम की खोज

  • हिमाचल प्रदेश में परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय के नवीनतम सर्वेक्षण में हमीरपुर जिले के मसानबल में सतही यूरेनियम का पता चला।
  1. यूरेनियम आवर्त सारणी के एक्टिनॉइड श्रेणी का एक रेडियोधर्मी रासायनिक तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 92 है। यह एक महत्वपूर्ण परमाणु ईंधन है।

लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों का विकास

  • मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि परमाणु ऊर्जा विभाग छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMRs) में वैश्विक विकास और प्रवृत्तियों पर नजर रख रहा है, लेकिन विदेशी विक्रेताओं/देशों के साथ सहयोग करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है।

लिथियम के गुण और अनुप्रयोग

  • वर्ष 1817 में जोहान ऑगस्ट आर्फ़स्वेडसन द्वारा खोजे गए लिथियम का नाम ग्रीक शब्द “लिथोस” से लिया गया है, जिसका अर्थ है पत्थर।
  • यह आवर्त सारणी की सबसे हल्की धातु है, और लिथियम दुनिया भर में अत्यधिक मूल्यवान है।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए “सफेद सोना” के रूप में संदर्भित लिथियम का उपयोग मुख्य रूप से मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए रिचार्जेबल बैटरी में किया जाता है।

परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय 

  • परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (AMD) का मुख्यालय हैदराबाद में है, जिसके सात क्षेत्रीय केंद्र हैं, यह भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की सबसे पुरानी इकाई है।
  • इसका प्राथमिक कार्य भूगर्भीय अन्वेषण करना और भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के लिए आवश्यक खनिज भंडार की खोज करना है।

लघु मॉड्यूलर रिएक्टर क्या हैं?

  • लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) उन्नत परमाणु रिएक्टर होते हैं जिनकी विद्युत क्षमता प्रति यूनिट 300 मेगावाट (ई) तक होती है, जो परंपरागत परमाणु रिएक्टरों का लगभग एक तिहाई है।

यह महत्वपूर्ण निम्न-कार्बन विद्युत उत्पादन प्रदान करता है और इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं:

  • छोटा: भौतिक रूप से पारंपरिक रिएक्टरों के आकार का एक अंश।
  • मॉड्यूलर: सिस्टम और घटकों को कारखाने में इकट्ठा किया जा सकता है और स्थापन हेतु परिवहन किया जा सकता है।
  • रिएक्टर: इसमें ऊष्मा सृजित करने और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए परमाणु विखंडन का उपयोग किया जाता है। 
  1. एक बड़े परमाणु को दो छोटे परमाणुओं में विभाजित करने की प्रक्रिया विखंडन कहलाती है।

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