संदर्भ:
हाल ही में, भारत सरकार ने प्रति टन घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- इससे पहले, 31 अगस्त को घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 2,100 रुपये प्रति टन से घटाकर 1850 रुपये प्रति टन कर दिया गया था।
- भारत ने जुलाई 2022 में यह विंडफॉल टैक्स लगाया था।
- सरकार ने 4 अप्रैल, 2023 को पहली बार विंडफॉल टैक्स को शून्य कर दिया था।
- यह कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Special Additional Excise Duty-SAED) के रूप में लगाया जाता है और सरकार औसत तेल कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर में संशोधन करती है।
- विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक प्रकार का कर है जो वस्तुओं के उत्पादन, लाइसेंसिंग और बिक्री पर लगाया जाता है।
- डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन या एयर टरबाइन ईंधन (ATF) के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को ‘शून्य’ पर बरकरार रखा गया है।
कच्चा तेल
- यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला तरल पेट्रोलियम उत्पाद होता है जिसमें हाइड्रोकार्बन जमा और अन्य कार्बनिक पदार्थ मिले होते हैं जो लाखों साल पहले रहने वाले जानवरों और पौधों के अवशेषों से बने होते हैं।
विंडफॉल टैक्स
- यह कर सरकारों द्वारा कुछ उद्योगों पर तब लगाया जाता है जब आर्थिक स्थितियाँ उन उद्योगों को औसत से अधिक लाभ अर्जित करने की अनुमति देती हैं।
- तेल और गैस कम्पनियां अप्रत्याशित करों का सामान्य लक्ष्य होती हैं।
सरकार ने विंडफॉल टैक्स क्यों कम किया?
- यह कदम कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बीच उठाया गया है, जो पिछले एक साल में 23% से अधिक गिर चुकी है।
- ब्रेंट क्रूड का वैश्विक बेंचमार्क मूल्य 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जो अप्रैल के 92 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर से काफी कम है।
- इस निर्णय से उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं।
कच्चे तेल पर भारत की स्थिति
- कच्चा तेल भारत के आठ प्रमुख उद्योगों में से एक उद्योग है।
- कच्चे तेल का उत्पादन (भारांश: कुल आठ कोर उद्योगों का 8.98 प्रतिशत)। इसका संचयी सूचकांक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.6 प्रतिशत बढ़ा।
वर्ष 2023 तक ऊर्जा पर भारत के महत्वपूर्ण आँकड़े।
- अमेरिका और चीन के बाद, भारत विश्व में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है।
- चौथा सबसे बड़ा तेल शोधनकर्ता देश।
- पेट्रोलियम उत्पादों का छठा सबसे बड़ा आयातक देश।
- पेट्रोलियम उत्पादों का 7वां सबसे बड़ा निर्यातक देश।
- भारत अपनी पेट्रोलियम आवश्यकताओं का 85% आयात करता है और वित्तीय वर्ष 2021-22 में पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर इसने लगभग 120 बिलियन डॉलर खर्च किए।