संदर्भ:

हाल ही में, नीति आयोग द्वारा “एसडीजी (SDG) इंडिया इंडेक्स 2023-24” का चौथा संस्करण जारी किया गया।

एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 के प्रमुख निष्कर्ष

  • समग्र स्कोर सुधार: भारत का समग्र स्कोर वर्ष 2018 में 57 से सुधरकर वर्ष 2023-24 में 71 हो गया।
  • उल्लेखनीय प्रगति: सूचकांक के वर्ष 2020-21 और वर्ष 2023-24 संस्करणों के बीच लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन), 8(समुचित निर्माण कार्य और आर्थिक विकास), 13 (जलवायु के अनुकूल कार्रवाई) और 15 (भूमि पर जीवन) में उल्लेखनीय प्रगति।
  • विशिष्ट लक्ष्यों में प्रगति: लक्ष्य 13 में सबसे अधिक सुधार हुआ, जो वर्ष 2020-21 में 54 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 67 हो गया, इसके बाद लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन) है, जो 60 से बढ़कर 72 हो गया।

मुख्य शब्दाबली:

  • “सतत विकास वह विकास है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है”
  • नीति आयोग (National Institution for Transforming India) भारत सरकार का प्रमुख सार्वजनिक नीति थिंक टैंक है।

राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश का प्रदर्शन:

  • एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में सभी राज्यों के समग्र स्कोर में 1 से 8 अंकों तक की वृद्धि देखी गई है। अब राज्यों के स्कोर 57 से 79 के बीच हैं, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों के स्कोर 65 से 77 के बीच हैं।
  • अग्रणी राज्य का दर्जा प्राप्त करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 2020-21 में 22 से बढ़कर 2023-24 में 32 हो गई, जिसमें निम्न 10 नए प्रवेशक शामिल हैं: अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तथा दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव।
  • वर्ष 2018 और वर्ष 2023-24 के बीच सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्य उत्तर प्रदेश (स्कोर में 25 की वृद्धि) हैं, इसके बाद जम्मू-कश्मीर (21), उत्तराखंड (19), सिक्किम (18), हरियाणा (17), असम, त्रिपुरा और पंजाब (16-16), मध्य प्रदेश और ओडिशा (15-15) हैं।

सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक प्रमुख सरकारी हस्तक्षेप:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सरकार के लक्षित हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप कई सतत विकास लक्ष्यों में पर्याप्त प्रगति हुई है।

सतत विकास लक्ष्य भारत सूचकांक 2023-24 

  • यह सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रगति को मापने के लिए देश का प्रमुख साधन है।
  • नीति आयोग द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया, एसडीजी इंडिया इंडेक्स एसडीएसएन पद्धति (सतत विकास समाधान नेटवर्क-SDSN) का अनुसरण करते हुए एसडीजी प्रगति का विश्लेषण और सुधार करने हेतु राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सहयोगात्मक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
  • यह सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (NIF) के साथ संरेखित 113 संकेतकों पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) की राष्ट्रीय प्रगति को मापता है और निगरानी करता है।
  • यह सूचकांक प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के लिए 16 सतत विकास लक्ष्यों (17 में से) पर लक्ष्य-वार अंकों की गणना करता है, जिससे 0 से 100 तक का समग्र अंक प्राप्त होता है।
    लक्ष्य 14 को सूचकांक के समग्र स्कोर की गणना में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि यह केवल नौ तटीय राज्यों से संबंधित है।
  • 100 का स्कोर लक्ष्यों की प्राप्ति को दर्शाता है, किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का स्कोर जितना अधिक होगा, लक्ष्य प्राप्ति की दूरी उतनी ही कम होगी।
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके एसडीजी इंडिया इंडेक्स स्कोर के आधार पर चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है –
  1. आकांक्षी: 0–49
  2. प्रदर्शक: 50–64
  3. अग्रणी: 65–99
  4. प्राप्तकर्ता: 100

आगे की राह

  • ऑनलाइन डैशबोर्ड के माध्यम से उपलब्ध एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24, देश भर में और क्षेत्रीय स्तर पर विकास अंतराल को दर्शाता है, इस अंतराल को कम करने के लिए सतत प्रयास जारी रखना चाहिए।
  • नीति आयोग सतत विकास लक्ष्य के स्थानीयकरण में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2047 तक विकसित भारत की दिशा में प्रगति में तेजी लाना है।
  • यह सूचकांक भविष्य के विकास पर नज़र रखने और उसका मार्गदर्शन करने तथा वैश्विक सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) पहलों के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।

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