संदर्भ:

हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने एशिया-प्रशांत रोजगार और सामाजिक आउटलुक (Asia-Pacific Employment and Social Outlook) 2024 जारी किया है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)

  • इसे वर्ष 1919 में वर्साय की संधि के तहत बनाया गया था।
  • सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानव और श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए, सामाजिक न्याय सार्वभौमिक और स्थायी शांति के लिए आवश्यक अपने संस्थापक मिशन को आगे बढ़ाते हुए कि है।
  • भारत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का संस्थापक सदस्य है।
  • अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की महासभा की बैठक प्रति वर्ष जून के महीने में होती है।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड

श्रम बाजार के रुझान

  • आर्थिक विकास: इसके अनुसार, क्षेत्र में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP growth) की वृद्धि वर्ष 2024 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वित्तीय 2000-19 के औसत से 1 प्रतिशत कम है, और इसके वर्ष 2025 में घटकर 4.2 प्रतिशत होने का अनुमान है।
  • रोजगार: इसके अनुसार, क्षेत्र का रोजगार-जनसंख्या अनुपात काफी लंबे समय से निम्न स्तर पर है, जिसके आने वाले वर्षों में जारी रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2023 के 58.2 प्रतिशत से कम होकर वर्ष 2026 में 57.4 प्रतिशत हो जाएगा।
  • बेरोजगारी: इसके अनुसार, क्षेत्र की बेरोजगारी दर वर्ष  2024 और वर्ष 2025 में लगभग समान, 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 में 87.8 मिलियन बेरोजगारों के आँकड़े के अनुरूप है।
  • श्रम बल भागीदारी दर में लैंगिक अंतर वर्ष 2023 में 28 प्रतिशत अंक पर बना रहेगा, जिसमें पिछले तीन दशकों में केवल मामूली कमी आई है।
    युवा पुरुषों की तुलना में NEET (रोजगार, शिक्षा या प्रशिक्षण में नहीं) उच्च दरों का सामना करना पड़ता है।
  • इसमें इस बात को रेखांकित किया गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, तथा 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का अनुपात वर्ष 2050 तक दोगुना हो जाने की उम्मीद है।
  • अनौपचारिक रोजगार की दर उच्च स्तर पर बनी हुई है, वर्ष 2023 में दो-तिहाई श्रमिक अनौपचारिक नौकरियों में लगे होंगे, जो कि पिछले दशक की तुलना में केवल मामूली सुधार को दर्शाता है।

वृद्धावस्था की प्रवृत्तियाँ और चुनौतियाँ:

  • एशिया और प्रशांत क्षेत्र में जनसंख्या की वृद्धावस्था की दर चिंताजनक है। एक अनुमान के अनुसार, अगले 27 वर्षों में इस क्षेत्र की जनसंख्या उतनी ही वृद्ध हो जाएगी जितनी कि विश्व के बाकी हिस्सों में उच्च आय वाले देशों की जनसंख्या गत 60 वर्षों में वृद्ध हुई है।
  • इस क्षेत्र के कई देशों में, वृद्ध व्यक्तियों के लिए सार्वभौमिक और पर्याप्त पेंशन के अधिकार की गारंटी देने के प्रयासों को मौजूदा पेंशन योजनाओं के अपर्याप्त कवरेज और लाभों तथा आर्थिक निर्भरता अनुपात में अनुमानित वृद्धि की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
  • आर्थिक निर्भरता अनुपात, जिसे क्षेत्र की कार्यशील आयु वर्ग की जनसंख्या (15 वर्ष और उससे अधिक) में बेरोजगार लोगों और कार्यरत लोगों के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है, वर्ष 2023 में 0.72 से बढ़कर 2050 में 0.90 हो जाने का अनुमान है।
  • वृद्ध होती आबादी के बावजूद, यदि मजबूत उत्पादकता वृद्धि को कायम रखा जा सके, तो क्षेत्र आने वाले दशकों में प्रति व्यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हासिल करने में सक्षम होगा।

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