- हाल ही में, द इकॉनमिक टाइम्स द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान नई कंपनियों के पंजीकरण के मामले में दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है।
- उत्तर प्रदेश कारोबार/बिजनेस शुरू करने के लिए देश का नया केंद्र बनकर उभरा है, क्योंकि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के मध्य उत्तर प्रदेश में 15,590 नई कंपनियां पंजीकृत हुईं, जबकि दिल्ली में 12,759 नई कंपनियां बनीं।
- वहीं महाराष्ट्र 21,000 कंपनियों के पंजीकरण साथ शीर्ष स्थान पर है।

- साथ ही उत्तर प्रदेश की तेज औद्योगिक विकास की गति ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक को पीछे छोड़ दिया है।
- कारोबार के लिए अनुकूल माहौल और निवेशकों के बढ़ते भरोसे से उत्तर प्रदेश देश का तीसरा सबसे बड़ा बिजनेस हब बन गया है।
उप्र सक्रिय कंपनियों की संख्या में पीछे
- वर्तमान में उत्तर प्रदेश कारोबार शुरू करने की संख्या में भले ही दिल्ली से आगे हो, लेकिन दिल्ली अभी भी सक्रिय कंपनियों की संख्या में आगे है।
- जनवरी 2025 तक उप्र में 1.50 लाख, दिल्ली में 2.50 लाख और महाराष्ट्र में 3.46 लाख कंपनियां सक्रिय थीं।
- 30 नवंबर, 2024 तक चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश में कुल 1,12,962 कंपनियां पंजीकृत थीं।
प्रदेश की ओर नई कंपनियों के आकर्षण का कारण
- उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ से ज्यादा आबादी इसके विकास की बड़ी ताकत है। राज्य की करीब 55-56 प्रतिशत आबादी कार्यशील आयु के हैं, जिससे बिजनेस को ग्राहकों और श्रमिकों की कमी नहीं होती।
- राज्य सरकार पारंपरिक कृषि उद्योगों के साथ नए सेक्टर को भी बढ़ावा दे रही है, ताकि प्रदेश की तेज विकास दर बनी रहे।
- इसका श्रेय पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न सरकारी पहलों को दिया जाता है।
- प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था और आसान व्यापार नियमों से कारोबार के बढ़ने तेजी से आई है।
- नोएडा का बड़ा औद्योगिक केंद्र होना भी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
- प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। 2021-22 से राज्य की विकास दर 7.5-11.4 प्रतिशत के बीच रही, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
- वर्तमान में तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य ने भी उत्तर प्रदेश में नए उद्योगों को आकर्षित किया है।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत में 1,85.312 कंपनियों का निगमन हुआ, जिसमें महाराष्ट्र की हिस्सेदारी इन नई संस्थाओं में 17.6% थी। यह निरंतर वृद्धि देश के गतिशील कारोबारी माहौल और उद्यमियों के मध्य बढ़ते आत्मविश्वास को उजागर करती है।