संदर्भ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेराज्य के प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर ‘दिव्यांग पुनर्वास केंद्र’ स्थापित करने की योजना की घोषणा की है।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- इन केंद्रों को यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है कि दिव्यांगों को व्यापक सहायता मिले और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके।
- वर्तमान में, उत्तर प्रदेश के 37 जिलों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र स्थापित हैं, जिनमें से 11 केंद्र मंडल मुख्यालयों पर स्थित हैं।
- नए केंद्र दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार की सेवाएँ प्रदान करने के लिए नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित होंगे, जिनमें शामिल हैं:
- चिकित्सा देखभाल
- शैक्षिक सहायता
- मनोवैज्ञानिक परामर्श
- व्यावसायिक प्रशिक्षण
- ऑर्थोटिक और प्रोस्थेटिक सहायता
- उपकरण वितरण
- दिव्यांगजनों को अधिक स्वतंत्र और उत्पादक जीवन जीने में मदद करने के लिए एक ही छत के नीचे व्यापक सेवाएँ प्रदान की जाएँगी।
- जिन क्षेत्रों में पहले से ही पुनर्वास केंद्र हैं, उन्हें मॉडल केंद्रों के रूप में विकसित और उन्नत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- जिन क्षेत्रों में केंद्र नहीं हैं, वहाँ सरकार आसान चिकित्सा सेवाओं तक पहुँच के लिए जिला या सरकारी अस्पतालों में केंद्र स्थापित करने को प्राथमिकता देगी।
- सेवाओं पर नज़र रखने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए केंद्रों में डिजिटल पंजीकरण और ऑनलाइन निगरानी उपकरण शामिल किए जाएँगे।
- प्रत्येक केंद्र का प्रबंधन ज़िला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा किया जाएगा, जो संचालन की देखरेख करेगी और उच्च सेवा मानकों को बनाए रखेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की पहल


