संदर्भ:

उत्तर प्रदेश के MSME मंत्री ने घोषणा की है कि देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क कानपुर के पास 875 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा।

खबरों में और पढ़ें:

  • पार्क में टेक्सटाइल से जुड़ी मशीनों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिन्हें वर्तमान में चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ताइवान और यूरोप से आयात किया जाता है।
  • इन मशीनों के आयात पर सालाना 40,000 करोड़ से अधिक खर्च किए जाते हैं, जिसके अगले पांच वर्षों में 4 लाख करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद है।
  • पार्क का उद्देश्य PPP मोड पर मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देना है, जिसमें 30,000 करोड़ के निर्यात की योजना है।
  • उत्तर प्रदेश कपड़ा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें लखनऊ के पास पीएम मित्र पार्क सहित दस जिलों में दस नए टेक्सटाइल पार्क शामिल हैं।
  • वैश्विक कपड़ा बाजार 2030 तक 350 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, और इस मांग को पूरा करने के लिए चार लाख करोड़ रुपये की मशीनों की आवश्यकता होगी, यह आंकड़ा अगले पांच वर्षों में दस गुना बढ़ जाएगा।
  • वर्तमान में, सर्कुलर निटिंग मशीन, फ्लैट निटिंग मशीन, डाइविंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन, सिलाई मशीन, पेशेंट गाउन मशीन और तकनीकी टेक्सटाइल मशीन जैसी महत्वपूर्ण मशीनें आयात की जाती हैं।
  • ये मशीनें अब कानपुर के भोगनीपुर के पास चपरघटा गाँव में 875 एकड़ भूमि पर बनाई जाएंगी।
  • पार्क के भीतर 200 से अधिक बड़ी और मध्यम इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी।
  • टेक्सटाइल मशीन पार्क से लगभग 1.5 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

Shares: