संदर्भ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में “गौ पर्यटन“ को बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- इस पहल के तहत, सरकार का लक्ष्य प्रत्येक जिले में एक आदर्श गौशाला स्थापित करके गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सकें।
- इस पहल का उद्देश्य गौशालाओं को स्थानीय पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित करके उन्हें आत्मनिर्भर और आय-उत्पादक केंद्रों में बदलना है।
- इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक जिले में एक आदर्श गौशाला स्थापित करेगी, जिससे पर्यटकों को गायों के साथ भारत के पारंपरिक और आध्यात्मिक संबंध का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया जा सके।
- इस प्रयास का उद्देश्य न केवल गौ संरक्षण को बढ़ावा देना है, बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करना और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना भी है।
- सरकार गोबर, मूत्र, दूध और घी जैसे गौ-आधारित उत्पादों के व्यावसायिक उपयोग पर भी जोर देगी।
- महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) की भागीदारी के माध्यम से, जो विशेष रूप से दिवाली जैसे त्यौहारों के दौरान गाय के गोबर से बने पर्यावरण अनुकूल लैंप और सजावट जैसी वस्तुओं का निर्माण और बिक्री करेंगे।
- पशुधन एवं डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह के अनुसार, गोबर आधारित दीयों और अन्य हरित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर दिवाली अभियान चलाया जाएगा।
- यह पहल उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए वर्षों से चल रहे गौशाला निर्माण के बाद आई है। हालाँकि सरकार मवेशियों के रखरखाव को बढ़ावा दे रही है, लेकिन वर्तमान में गौशालाओं में राजस्व-उत्पादक मॉडल बनाकर दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
पशुधन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की भूमिका

उत्तर प्रदेश में पूरक सरकारी पहल
