सन्दर्भ:

MSME, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने बताया कि माटीकला बोर्ड ने 30,888 लोगों को रोजगार दिया है।

  • कुल 48,048 शिल्पकार परिवारों को चिन्हित किया गया है। इनमें से 32,593 को मिट्टी खोदने के पट्टे, 15,832 को विद्युत चालित चाक तथा 81 दीया बनाने की मशीनें और 31 पेंटिंग मशीनें भी वितरित की गईं।
  • इसके अतिरिक्त 19,650 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया तथा 122 सहकारी समितियों की स्थापना की गई।
  • राज्य स्तरीय माटी कला एवं ग्रामोद्योग पुरस्कार समारोह में पुरस्कार प्रदान किए गए।
    • आजमगढ़ के आनंद कुमार प्रजापति ने क्ले आर्ट में प्रथम पुरस्कार (40,000 रुपये), अयोध्या के राम सजीवन प्रजापति ने दूसरा पुरस्कार (30,000 रुपये) और कानपुर देहात के विपिन कुमार ने तीसरा पुरस्कार (20,000 रुपये) जीता।
    • ग्रामीण उद्योग श्रेणी में मेरठ के मुनेश ने पहला पुरस्कार, बांदा के अर्जुन ने दूसरा और वाराणसी के अशोक कुमार जायसवाल ने तीसरा पुरस्कार जीता।

माटीकला बोर्ड के बारे में

  • उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड की स्थापना मिट्टी से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए एक स्वतंत्र निकाय के रूप में की गई थी।
  • इसके लक्ष्यों में पारंपरिक मिट्टी की कला को बढ़ावा देना, कारीगरों की सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक मजबूती में सुधार करना और बेहतर विपणन अवसर प्रदान करना शामिल है।
  • उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड का गठन 2018 की अधिसूचना के तहत किया गया था।
  • इसका उद्देश्य इस प्राचीन कला को संरक्षित करना और मिट्टी के उत्पादों को जनता के लिए सुलभ बनाना है।
  • बोर्ड की योजनाओं का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के क्षेत्रीय एवं जिला ग्रामोद्योग अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

मुख्यालय: लखनऊ

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