संदर्भ: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आरामदायक व सुलभ आवास सुविधाएं प्रदान करने हेतु ‘बेड एंड ब्रेकफास्ट (B&B) तथा होमस्टे नीति-2025‘ को मंजूरी प्रदान की।

अन्य महात्त्वपूर्ण तथ्य

  • पर्यटन विभाग ने कहा कि नीति की आवश्यकता थी क्योंकि धार्मिक और पर्यटन स्थलों के पास के होटल अक्सर पूरी तरह से बुक रहते हैं, और इसका उद्देश्य स्थानीय निवासियों को होमस्टे आवास प्रदान करने की अनुमति देकर इस समस्या का समाधान करना है।
  • नीति के तहत:
    • ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे पंजीकृत करने के लिए केवल ₹500 से ₹750 तक का मामूली शुल्क देना होगा।
    • शहरी और सिल्वर श्रेणी के होमस्टे के लिए, आवेदन शुल्क ₹2,000 निर्धारित किया गया है।
    • धार्मिक या पर्यटन स्थल के पास रहने वाले किसी भी व्यक्ति को 1 से 6 कमरों वाली होमस्टे इकाई पंजीकृत करने की अनुमति होगी, जिसमें अधिकतम 12 बिस्तर हो सकते हैं।
    • पर्यटक अधिकतम सात दिनों तक लगातार रुक सकते हैं, नवीनीकरण प्रक्रिया के माध्यम से अपने प्रवास को बढ़ाने का विकल्प भी उनके पास है।
    • वे स्थानीय अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करके अधिक आसानी से पंजीकरण कर सकते हैं।
  • होमस्टे के पंजीकरण और अनुमोदन का प्रबंधन संबंधित जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाएगा, जो सुरक्षा और नियामक अनुपालन सुनिश्चित करेगी।
  • अब तक राज्य-स्तरीय होमस्टे नीति की अनुपस्थिति में, ऑपरेटरों को केंद्र सरकार के निधि+ पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करना आवश्यक था।
    • निधि+ पोर्टल व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल है।
    • यह आतिथ्य और पर्यटन उद्योग के लिए अवसरों का प्रवेश द्वार बनने की आकांक्षा रखता है।
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