संदर्भ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आत्मनिर्भरता, स्थिरता और डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देकर कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य में एक ‘डिजिटल कृषि पारिस्थितिकी तंत्र’ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:
- प्रस्तावित प्रणाली फसलों, मौसम, बीज, सिंचाई, उर्वरक, बीमा, बाज़ार, रसद और संस्थागत सेवाओं से संबंधित आंकड़ों तक वास्तविक समय में एकीकृत पहुँच प्रदान करेगी।
- यह निर्णय उत्तर प्रदेश कृषि विकास एवं ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण परियोजना (UP-Agrees) की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया।
- यह नीति राष्ट्रीय तकनीकी मानकों के अनुसार तैयार की जाएगी, जिसमें एक सुरक्षित साइबर अवसंरचना स्थापित करने और नवाचार-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- यह पहल “कृषि से उद्योग तक” के दृष्टिकोण के अनुरूप होगी, जो मूल्य संवर्धन, कृषि प्रसंस्करण और स्थानीय रोजगार सृजन के महत्व पर प्रकाश डालती है।
- इस परियोजना का समन्वय उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना (UP DASP) द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के सहयोग से किया जाएगा।
यूपी-एग्रीस परियोजना

- यह परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित एक पहल है जिसकी कुल अवधि छह वर्ष है और इसका अनुमानित बजट लगभग ₹4,000 करोड़ है।
- प्रमुख क्षेत्र: यह परियोजना मुख्य रूप से कृषि और मत्स्य पालन क्षेत्रों के विकास पर केंद्रित है।
- उद्देश्य: इस परियोजना का उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप सतत विकास को बढ़ावा देना, बाजार संबंधों को मजबूत करना, उत्पादकता बढ़ाना, संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करना और कृषि आधारित उद्योगों के विकास को समर्थन देना है।
- कवरेज: यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में कार्यान्वित की जा रही है।
- लक्ष्य: इस परियोजना का लक्ष्य मछली पालन के लिए लगभग 90,000 हेक्टेयर भूमि विकसित करना है, जिससे लगभग 1 लाख परिवारों को लाभ होगा।
