संदर्भ: हाल ही में, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशनों के लिए 1,000 से अधिक बिजली कनेक्शन मांग की है, क्योंकि राज्य अपनी विकसित EV नीति के तहत सार्वजनिक और सरकारी स्थानों पर चार्जिंग सुविधाओं का विस्तार करने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है।
- उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 1,060 आवेदन राज्य भर में उनके प्रस्तावित EV चार्जिंग स्टेशनों को समर्पित बिजली आपूर्ति के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) से 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।
- वाहनों की आवश्यकता के आधार पर चार्जर 30 किलोवाट, 60 किलोवाट और 120 किलोवाट क्षमता के होंगे।
- वाणिज्यिक EV चार्जिंग के लिए लागू वर्तमान टैरिफ 7.64 रुपये प्रति यूनिट है।
EV बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की पहल:
- उत्तर प्रदेश, देश में सबसे अधिक वाहन वाले राज्यों में से एक है तथा भारत के EV रोडमैप में इसका स्थान प्रमुख है।
- नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या वर्ष 2025 में 12.5 लाख को पार कर चुकी है और वर्ष 2030 तक इसमें दस गुना वृद्धि होने का अनुमान है।
- उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति 2022: नीति के अनुसार, 14 अक्टूबर, 2022 से 13 अक्टूबर, 2025 के बीच उत्तर प्रदेश में विक्रय और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों को पूर्ण पंजीकरण शुल्क और सड़क कर में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
- 14 अक्टूबर, 2025 से 13 अक्टूबर, 2027 तक राज्य के भीतर निर्मित, क्रय और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत की पूर्ण छूट दी जाएगी।
- चार्जिंग अवसंरचना: उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-वाहनों के लिए ‘बैटरी स्वैपिंग’ प्रणाली वाले चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना शुरू की है।
- राज्य ने विरासत स्थलों पर 100 EV चार्जिंग स्टेशन और मथुरा-वृंदावन तथा वाराणसी-अयोध्या जैसे पर्यटन स्थलों पर लगभग 200 तथा राज्य भर के राष्ट्रीय और राज्य पार्कों में अतिरिक्त 400 स्टेशन स्थापित करने की योजना बनाई है।
- पीएम ई-ड्राइव इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (EVCI): यह योजना व्यवहार्यता अंतर निधि (VGF) के माध्यम से राजमार्गों, शहरों और सार्वजनिक स्थानों पर तेज़ और धीमे दोनों प्रकार के चार्जरों को सहायता प्रदान करेगी। राज्य नोडल एजेंसियाँ, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और निजी संस्थाएँ इसमें भाग लेने के पात्र होंगी।
- EVCI योजना के तहत उत्तर प्रदेश को लगभग 300 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलने की संभावना है।

