संदर्भ:

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) के पास पीठ गठित करने और विनियमन तैयार करने की शक्तियां हैं।

अन्य संबंधित जानकारी

  • उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रशासनिक निकायों की स्वायत्तता और स्वतंत्रता उनके निर्धारित कार्यों को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने की उनकी क्षमता के लिए आधारभूत तत्व हैं।
  • आयोग की पीठों के गठन से संबंधित विनियम बनाने की मुख्य सूचना आयुक्त की शक्ति को बरकरार रखा गया है क्योंकि ऐसी शक्तियां सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 12(4) के दायरे में हैं।
  • यह निर्णय केंद्रीय सूचना आयोग की कार्यभार प्रबंधन तथा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अपनी भूमिका निभाने की क्षमता को मजबूत करता है। 

पृष्ठभूमि:

  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा तैयार किए गए केंद्रीय सूचना आयोग (प्रबंधन) विनियम, 2007 को रद्द कर दिया था और कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग को आयोग की पीठ गठित करने का कोई अधिकार नहीं है।

केंद्रीय सूचना आयोग  

  • इस आयोग का गठन केंद्र सरकार द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम (2005) के तहत वर्ष 2005 में किया गया था। इसलिए यह एक संवैधानिक निकाय नहीं है।

संरचना: 

  • इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) और अधिकतम दस सूचना आयुक्त (ICs) होते हैं।

नियुक्ति: 

  • केंद्रीय सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री होते हैं।
  • मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त का कार्यकाल तीन वर्ष की अवधि के लिए होता है।
  • आयोग का अधिकार क्षेत्र सभी केन्द्रीय सार्वजनिक प्राधिकरणों तक फैला हुआ है।

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