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सामान्य अध्ययन-2: शासन-व्यवस्था,पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष,ई-गवर्नेंस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ,सीमाएं और संभावनाएँ। 

संदर्भ:

हाल ही में विशाखापत्तनम में हुए ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन, 2025  में सिविल सेवाओं में डिजिटल रूपांतरण का प्रदर्शन किया गया और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार, 2025 के माध्यम से ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया गया।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  • सम्मेलन का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने किया और उन्होंने शासन व्यवस्था में अग्रणी सुधारों की राज्य की दीर्घकालिक परंपरा पर प्रकाश डाला।
  • सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG), कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
  • 2025 सम्मेलन का विषय था “विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल रूपांतरण”
  • सम्मेलन में शासन के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सिविल सेवा में बदलाव, कृषि डेटा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण जैसे विषयों को शामिल किया गया।
  • सम्मेलन का समापन विशाखापत्तनम घोषणापत्र अपनाने के साथ हुआ, जो ई-शासन में भारत के भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करेगी।
  • सम्मेलन के एक भाग के रूप में, ग्राम पंचायतों द्वारा अभिनव डिजिटल सेवा वितरण पहलों को मान्यता देते हुए राष्ट्रीय ई-शासन पुरस्कार, 2025 का वितरण किया गया।

राष्ट्रीय ई-शासन पुरस्कार, 2025

  • पुरस्कारों के लिए देश भर से रिकॉर्ड 1.44 लाख नामांकन प्राप्त हुए।
  • निम्नलिखित ग्राम पंचायतों को नई शुरू की गई श्रेणी, “सेवा वितरण को गहन बनाने के लिए ग्राम पंचायतों में जमीनी स्तर की पहल” के तहत पुरस्कृत किया गया –
    • स्वर्ण पुरस्कार: रोहिणी ग्राम पंचायत, धुले, महाराष्ट्र
    • रजत पुरस्कार: पश्चिम मजलिशपुर ग्राम पंचायत, त्रिपुरा
    • जूरी पुरस्कार: पलसाना ग्राम पंचायत, गुजरात
    • जूरी पुरस्कार: सुआकाती ग्राम पंचायत, ओडिशा
  • पुरस्कार में एक ट्रॉफी, एक प्रमाण पत्र और स्वर्ण पुरस्कार के लिए 10 लाख रुपये तथा रजत पुरस्कार के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन धनराशि शामिल थी। इस धनराशि को नागरिक-केंद्रित पहलों को मजबूत करने में पुनर्निवेशित किया जाएगा।

ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन

  • ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन (NCeG) ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में सर्वोत्तम अभ्यासों, नीतियों और नवाचारों पर चर्चा करने, उन्हें साझा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए भारत में प्रमुख मंच है।
  • इसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों, विशेषज्ञों, उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षाविदों को डिजिटल शासन में नए रुझानों पर विचार-विमर्श करने, सफल पहलों को प्रदर्शित करने और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी मॉडलों के अनुकरण को प्रोत्साहित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
  • सम्मेलन पारदर्शिता, दक्षता, नागरिक सेवा वितरण और समावेशी डिजिटल विकास को बढ़ाकर “न्यूनतम सरकारअधिकतम शासन” के लक्ष्य को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
  • इसे पहली बार 1997 में शुरू किया गया था और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा एक राज्य सरकार के साथ साझेदारी में संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
  • यह सम्मेलन नई चुनौतियों पर चर्चा करने, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु एक वार्षिक संस्थागत मंच बन गया है।

स्रोत:
Puducherry
NCEG
PIB
PIB

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