संदर्भ: हाल ही में, विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री ने राज्यसभा में ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना के बारे में जानकारी दी।

विवरण

  • ई-कोर्ट परियोजना, भारत की राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न्याय तक पहुँच में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके न्यायपालिका का आधुनिकीकरण करना है।
  • वर्ष 2007 में शुरू की गई यह परियोजना कई चरणों से गुज़री है, जिसमें पहला चरण वर्ष 2015 में पूरा हुआ, जब 14,000 से अधिक न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत किया गया।
  • दूसरे चरण में 18,000 से अधिक जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹7,210 करोड़ के परिव्यय के साथ ई-कोर्ट चरण III (2023-2027) परियोजना को मंजूरी दी, जो डिजिटल और पेपरलेस कोर्ट स्थापित करने, अदालती रिकॉर्ड (विरासत और लंबित मामलों सहित) को डिजिटल बनाने और अदालतों, जेलों तथा अस्पतालों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) का विस्तार करने के लिए चरण II के वित्तपोषण से चार गुना अधिक है।
  • ई-कोर्ट्स परियोजना भारत भर में न्यायिक पहुँच, दक्षता और पारदर्शिता में सुधार, डिजिटल अंतराल को पाटने और तेजी से मामले के समाधान की सुविधा पर केंद्रित है।
नागरिक ई-कोर्ट्स परियोजना के लिए 10 पहलें
7 सेवाएँ SMS पुलSMS पुशईमेलई-कोर्ट्स सेवा पोर्टलJSCसूचना कियोस्कई-कोर्ट्स सेवा ऐपई-फाइलिंग नई ई-फाइलिंग वर्जन 3.0 अप्रैल 2021 में शुरू किया गया, जिसमें ई-वकालतनामा, ई-हस्ताक्षर और शपथ के वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी उन्नत सुविधाएँ शामिल हैं।
ई-पेमेंट्स 20 उच्च न्यायालयों में लागूकोर्ट फीस अधिनियम 22 उच्च न्यायालयों में संशोधित किया गया (31.07.2023)ई-सेवा केंद्र डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए 819 ई-सेवा केंद्र स्थापितसभी उच्च न्यायालयों में कार्यरत
NSTEP तकनीकी सक्षम प्रक्रिया सेवा और सम्मन जारी करने के लिए लॉन्च किया गया।वर्तमान में 28 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागूNJDG-मामले 23.81 करोड़ से अधिक मामले और 23.02 करोड़ आदेश/निर्णय उपलब्ध
VC द्वारा सुनवाई जिला न्यायालय: 2.01 करोड़ मामलेउच्च न्यायालय: 78.82 लाख मामलेसर्वोच्च न्यायालय: 4.82 लाख सुनवाईलाइव स्ट्रीमिंग सुप्रीम कोर्ट और गुजरात, गुवाहाटी, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, पटना तथा मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों में लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत हो चुकी है।
S3WaaS वेबसाइट सभी कोर्ट वेबसाइट्स को S3WaaS प्लेटफ़ॉर्म पर अपग्रेड किया जा रहा है, जो सुरक्षित और दिव्यांग-मैत्रीपूर्ण है।सर्च पोर्टल निर्णय/आदेश की प्रतियाँ नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिए जजमेंट सर्च पोर्टल शुरू किया गया।
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