संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 2: भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते
संदर्भ: संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक गोपनीय रिपोर्ट में ईरान में गुप्त परमाणु गतिविधि की उपस्थिति पर प्रकाश डाला गया है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

- रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने 60% तक संवर्धित 408.6 किलोग्राम यूरेनियम जमा कर लिया है, जो फरवरी में 274.8 किलोग्राम से 50% अधिक है।
- संवर्धन का यह स्तर परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक 90% के बहुत करीब है।
- IAEA ने चेतावनी दी है कि ईरान एकमात्र गैर-परमाणु हथियार संपन्न देश है जो इस तरह की सामग्री का उत्पादन कर रहा है, तथा उसने इसे “गंभीर चिंता” बताया है।
- एजेंसी ने कहा कि 60% तक संवर्धित लगभग 42 किलोग्राम यूरेनियम को यदि और परिष्कृत किया जाए तो यह एक परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त है, जिसका अर्थ है कि ईरान के पास अब लगभग 10 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री है।
- ईरान के विदेश मंत्रालय और परमाणु एजेंसी ने एक संयुक्त बयान में इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए इसे “राजनीति से प्रेरित” बताया है।
अप्रसार संधि (NPT) के बारे में
- यह एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है, जो 1968 में अस्तित्व में आया, जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना है।
- परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के अनुसार परमाणु हथियार संपन्न देश वे हैं जिन्होंने 1 जनवरी, 1967 से पहले परमाणु विस्फोटक उपकरण का निर्माण और परीक्षण किया हो।
- इन देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस (पूर्व में सोवियत संघ), यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और चीन शामिल हैं। संधि के तहत, अन्य सभी देशों को परमाणु हथियार हासिल करने से प्रतिबंधित किया गया है।
- भारत ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं ।
यूरेनियम आइसोटोप U-235 के बारे में
- यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रकार की भारी धातु है, और परमाणु ऊर्जा में प्रयुक्त होने वाला सबसे आम ईंधन भी है, क्योंकि इसे प्रेरित विखंडन नामक मानव द्वारा शुरू की गई प्रक्रिया के माध्यम से शीघ्रता से विभाजित किया जा सकता है।
- ऐसा तब होता है जब U-235 नाभिक न्यूट्रॉन से टकराता है। नाभिक एक अतिरिक्त न्यूट्रॉन ले लेता है,और अस्थिर हो जाता है फिर दो छोटे परमाणुओं और कुछ अतिरिक्त न्यूट्रॉन में टूट जाता है।
- इस प्रतिक्रिया से भारी मात्रा में ऊष्मा और ऊर्जा उत्सर्जित होती है जिसे परमाणु ऊर्जा के रूप में जाना जाता है।
संबंधित विगत वर्ष के प्रश्न
अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते पर चल रहे विवाद से भारत के राष्ट्रीय हित पर क्या प्रभाव पड़ेगा? भारत को इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए? (2018)
मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
भारत ने लगातार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार और हथियार नियंत्रण संधियों से बाहर रणनीतिक रुख बनाए रखा है। इन संधियों पर भारत के हस्ताक्षर न करने के पीछे के तर्क का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और वैश्विक परमाणु शासन के लिए इसके निहितार्थों का आकलन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)