संदर्भ: हमास ने ग़ाज़ा में संघर्ष समाप्त करने और इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए युद्धविराम समझौते के मसौदे पर सहमति व्यक्त की है।
अन्य संबंधित जानकारी
- संयुक्त राज्य अमेरिका, मिस्र और कतर, अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं, जिसमें 1,200 इजरायली नागरिकों की मृत्यु हुई थी।
- यह योजना इजरायली मंत्रिपरिषद में अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्तुत की जाएगी।
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष
- इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष का इतिहास उन्नीसवीं सदी के अंत से शुरू होता है।
- 1947 में, संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 181 को अपनाया, जिसे विभाजन योजना के रूप में जाना जाता है, जिसमें ब्रिटिश प्रशासित फिलिस्तीन को अरब और यहूदी राज्यों में विभाजित करने की मांग की गई थी।
- 14 मई 1948 को इजराइल राज्य की स्थापना हुई, जिससे प्रथम अरब-इजरायली युद्ध छिड़ गया।
- यह युद्ध 1949 में इजराइल की जीत के साथ समाप्त हुआ, और क्षेत्र को तीन हिस्सों में बाँट दिया गया: इजराइल राज्य, वेस्ट बैंक (जॉर्डन नदी का) और ग़ाज़ा पट्टी।
- इजराइल वर्तमान में वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर कब्जा किए हुए है, जिन क्षेत्रों पर फिलिस्तीनी राज्य अपना दावा करता है।
- संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए लेकिन वे सभी विफल रहे और इजराइल तथा फिलिस्तीन के बीच गतिरोध अभी भी जारी है।
मसौदा समझौते के बारे में
- यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन द्वारा तैयार की गई रूपरेखा पर आधारित तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा समर्थित तीन चरणीय योजना है।
- चरण 1: छह सप्ताह में 33 बंधकों को धीरे-धीरे रिहा किया जाएगा, इसके बदले में इजराइल द्वारा बंधक बनाए गए फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाएगा। इस 42-दिन के चरण में, इजरायली सेना को आबादी वाले क्षेत्रों से पीछे हटना होगा।
- चरण 2: हमास शेष बंधकों, मुख्य रूप से पुरुष सैनिकों, को रिहा करेगा, इसके बदले में अधिक बंदियों की रिहाई और इजरायली सेना की ग़ाज़ा से पूर्ण वापसी होगी।
- चरण3: शेष बंधकों के शव वापस भेजे जाएंगे और बदले में गाजा के पुनर्निर्माण की योजना बनाई जाएगी, जो अंतर्राष्ट्रीय निगरानी में तीन से पांच वर्ष तक चलेगी।
युद्धविराम समझौते के समक्ष चुनौतियाँ
- हमास ने कहा है कि वह शेष बंधकों को तब तक रिहा नहीं करेगा जब तक युद्ध पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता और इजरायली सेना गाजा से पूरी तरह से वापस नहीं लौट जाती।
- हमास के साथ किसी भी समझौते का इजरायल के भीतर कड़ा विरोध किया जा रहा है।
- किसी भी प्रस्ताव के भाग के रूप में “हमास के विनाश” की इजरायल की मांग एक ऐसी शर्त है जिस पर हमास कभी सहमत नहीं होगा।