संदर्भ:

हाल ही में, भारतीय प्राणी सर्वेक्षण ((ZSI) के वैज्ञानिकों ने इंडो-बर्मी पैंगोलिन (मैनीस इंडोबर्मानिका) की एक नई प्रजाति की पहचान की है।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • बर्मीज़ पैंगोलिन (मैनीस इंडोबर्मानिका) लगभग 3.4 मिलियन वर्ष पहले चीनी पैंगोलिन (मैनीस पेंटडैक्टिला) से अलग हो गया था।
  • अध्ययन के अनुसार यह एशियाई पैंगोलिन की एक विशिष्ट फ़ाइलोजेनेटिक प्रजाति(ऐसी प्रजाति जिसका साझा और अद्वितीय विकासवादी इतिहास होता है) है।
  • इस खोज को मैमलियन बायोलॉजी में ‘ इंडो-बर्मीज़ पैंगोलिन ( मैनिस इंडोबर्मानिका ): एशिया में विकसित पैंगोलिन की एक नई फ़ायलोजेनेटिक प्रजाति’ नामक शोधपत्र में प्रकाशित हुआ था ।
  • ऐसा माना जाता है कि यह प्रजाति प्लियोसीन और प्लीस्टोसीन युगों (3.4 मिलियन वर्ष पूर्व) के दौरान जलवायु और भूवैज्ञानिक बदलावों से प्रभावित होकर अलगाव में विकसित हुई।
  • वर्तमान में यह अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में पाए जाते है, और संभवतः नेपाल, भूटान और म्यांमार तक फैले हुए है। 

पैंगोलिन के बारे में:

ये दंतहीन स्तनधारी हैं, जिनके शरीर के अधर सतह को छोड़कर अतिव्यापी शल्कों से ढके हुए  है। ये शिकारियों की प्रतिक्रिया में एक अद्वितीय आत्मरक्षा के रूप में स्वयं को एक गेंद के रूप में परिवर्तित कर लेते हैं।

मादा पैंगोलिन गर्भधारण की पांच महीने की अवधि के बाद सिर्फ एक बच्चे को जन्म दे पाती है । 

वे अपनी लम्बी उभरी हुई जीभ से चींटियों और दीमकों को खाते हैं। उनकी पूंछ पकड़ने(प्रीहेंसाइल) वाली होती है। 

पैंगोलिन प्रजातियों का आकार लगभग 1.6 किलोग्राम (3.5 पाउंड) से लेकर अधिकतम लगभग 33 किलोग्राम (~73 पाउंड) तक होता है। इनका रंग हल्के से लेकर पीले-भूरे, जैतून से लेकर गहरे भूरे रंग तक भिन्न होते हैं।   

पैंगोलिन एकान्तवासी होते हैं, अधिकांश रात्रिचर होते हैं। 

विश्व स्तर पर, पैंगोलिन की आठ प्रजातियां एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों में पाई जाती हैं। 

  • ग्राउंड पैंगोलिन।
  • चीनी पैंगोलिन।
  • काला-पेट(ब्लैक-बेल्ड) वाला पैंगोलिन।
  • सफेद-पेट(व्हाइट – बेल्ड) वाला पैंगोलिन।
  • विशालकाय पैंगोलिन।
  • सुंडा पैंगोलिन।
  • फिलीपीन पैंगोलिन।
  • भारतीय पैंगोलिन।

भारत में दो पैंगोलिन प्रजातियों का निवास है – भारतीय पैंगोलिन और चीनी पैंगोलिन

भारतीय पैंगोलिन ऊपरी हिमालय, सुदूर पूर्वोत्तर और थार रेगिस्तान के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे भारत में पाया जाता है।

विश्व पैंगोलिन दिवस प्रतिवर्ष फरवरी के तीसरे शनिवार को 2012 से मनाया जाता है।

पैंगोलिन विश्व स्तर पर सबसे अधिक तस्करी किए जाने वाले जंगली स्तनधारियों में से हैं।

इनकी मांग मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में उनके मांस और शल्क के लिए है।

पैंगोलिन संरक्षण स्थिति:

भारतीय पैंगोलिन: 

  • वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची I के तहत संरक्षित किया गया है , जो उनके शिकार, व्यापार या किसी अन्य प्रकार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।
  • CITES के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध।
  • IUCN रेड लिस्ट संरक्षण स्थिति: संकटग्रस्‍त

चीनी पैंगोलिन 

  • वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची I में सूचीबद्ध और शामिल है
  • CITES के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध।
  • IUCN रेड लिस्ट संरक्षण स्थिति: 2014 से गंभीर रूप से संकटग्रस्‍त।
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