संदर्भ : हाल ही में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट लिमिटेड में एशिया के प्रमुख खाद्य और पेय (एफ एंड बी) व्यापार शो इंडसफूड के 8वें संस्करण का उद्घाटन किया।

  • इंडसफूड का आयोजन भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (TPCI) द्वारा वाणिज्य विभाग के सहयोग से किया गया। इसे 2017 में लॉन्च किया गया था।
  • इस वर्ष पहली बार भारत में भारतीय पाक संघ संघ (IFCA) के साथ साझेदारी में एशिया प्रेसिडेंट फोरम का आयोजन किया गया है।
  • इंडसफूड 2025 में दो समवर्ती कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:
    1. इंडसफूड मैन्युफैक्चरिंग (चौथा संस्करण):
      खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग और आतिथ्य प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित।
    2. इंडसफूड एग्रीटेक (उद्घाटन संस्करण):
      कृषि, मत्स्य पालन, डेयरी और पोल्ट्री फार्मिंग प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित।
  • यह “खेत से खाने तक” के व्यापार शो के रूप में विकसित हो रहा है, जो टिकाऊ खाद्य प्रणालियों पर भारत के फोकस को रेखांकित करता है।
  • भारत के विविध कृषि जलवायु क्षेत्र और मजबूत कृषि संसाधन इसे खाद्य उद्योग के लिए अवसरों का केंद्र बनाते हैं।
  • तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजार और सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं के कारण भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए व्यापक संभावनाएं प्रदान करता है।
  • इंडसफूड भारत की खाद्य अर्थव्यवस्था में वैश्विक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।

खाद्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहल

1. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLISFPI):

  • लॉन्च: मार्च 2021 में ₹10,900 करोड़ (वर्ष 2021-22 से 2026-27) के बजट की  स्वीकृत।
  • उद्देश्य:
    • प्रमुख खाद्य क्षेत्रों में विनिर्माण को बढ़ावा देना।
    • नवीन और जैविक उत्पादों को प्रोत्साहित करना।
    • भारतीय खाद्य ब्रांडों की वैश्विक ब्रांडिंग को समर्थन देना।

2. बाजरा आधारित उत्पादों के लिए PLISFPI (PLISMBP):

  • लॉन्च: वित्त वर्ष 2022-23 में ₹800 करोड़ के बजट की स्वीकृत की गई। जो बाजरा आधारित खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देगा।
  • फोकस:
    • भारतीय ब्रांडों को सशक्त बनाना।
    • रोजगार सृजन करना ।

3. अन्य प्रमुख योजनाएँ:

  • प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY):
    • खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने हेतु प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) कार्यान्वित की जा रही है।
    • इस योजना के तहत अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन, कोल्ड चेन सुविधाओं की स्थापना, और खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं का विकास किया जा रहा है।
    •  इसके अंतर्गत 1,281 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे 13.09 लाख रोजगार उत्पन्न हुए हैं।
  • PMFME योजना:
    • इस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
    • यह योजना MSME के उत्पादन, गुणवत्ता और विपणन क्षमता को बढ़ावा देती है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि होती
  • सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के माध्यम से ग्रीन ईंधन उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है।
  • अनाज आधारित इथेनॉल उत्पादन को 2021 में योजनाओं में शामिल किया गया। ब्याज अनुदान योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्रदान कर नई डिस्टिलरी स्थापित करने को बढ़ावा दिया गया
  • वैश्विक ब्रांडिंग समर्थन: PLI योजना अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए 50% वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिसकी सीमा सालाना ₹50 करोड़ है, जो भारतीय खाद्य ब्रांडों के वैश्विक उद्भव का समर्थन करती है। इस योजना के तहत 77 आवेदन शामिल हैं।
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