संदर्भ:
आर्मेनिया स्टेट ऑफ फिलिस्तीन (State Of Palestine) को आधिकारिक रूप से मान्यता देने वाला नवीनतम देश बन गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- आर्मेनिया फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष को दूर करने हेतु टू स्टेट सॉल्यूशन (Two-State Solution) के पक्ष में है।
- अर्मेनिया गाजा में हमास के साथ इजरायल के युद्ध को तत्काल विराम (युद्ध-विराम) का प्रावधान करने वाले संयुक्त राष्ट्र के संकल्प का समर्थन करता है।
- फिलिस्तीनी प्राधिकरण, जो इजरायल के सैन्य कब्जे वाले वेस्ट बैंक पर सीमित स्व-शासन करता है, ने आर्मेनिया के निर्णय का स्वागत किया है।
टू स्टेट सॉल्यूशन(द्वि-राष्ट्र समाधान)
- यह दो विचार धारा के लोगों के लिए दो राष्ट्र की स्थापना करके इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का समाधान करने के लिए प्रस्तावित रूपरेखा है, जिसमें यहूदी लोगों के लिए इजरायल और फिलिस्तीन के लोगों के लिए फिलिस्तीन का प्रावधान किया गया है।
- टू स्टेट सॉल्यूशन का प्रस्ताव ओस्लो समझौते
फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले अन्य देश
- आर्मेनिया द्वारा मान्यता प्रदान करने के बाद, संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 146 ने फिलिस्तीन को एक अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है।
- इससे पहले 29 मई 2024 को स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन को मान्यता दे दी थी, ताकि पिछले वर्ष हमास के नेतृत्व वाले हमले के बाद इजरायल द्वारा की जाने वाली कार्रवाई में थोड़ी नरमी बरतने हेतु अंतरराष्ट्रीय दबाव डाला जा सके।
- अल्जीरिया 15 नवंबर, 1988 को स्वतंत्र फ़िलिस्तीन को आधिकारिक रूप से एक अलग देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला राष्ट्र था।
- वर्ष 1988 में भारत ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश(संप्रभु राज्य) के रूप में मान्यता प्रदान की ।
इससे पहले वर्ष 1974 में, भारत फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) को मान्यता देने वाला पहला गैर-अरब देश बना। - वर्ष 2014 में स्वीडन पश्चिमी यूरोप में फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला यूरोपीय संघ का सदस्य बना।
- माल्टा और स्लोवेनिया ने भी “उचित परिस्थिति आने पर” फिलिस्तीनी को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की “तत्परता” व्यक्त की है।
इजराइल की प्रतिक्रिया
- इजराइल के विदेश मंत्रालय ने आर्मेनिया द्वारा फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने के बाद आर्मेनियाई राजदूत को ‘कड़ी फटकार लगते हुए’ तलब किया है।
फिलिस्तीन राज्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- 15 नवंबर, 1988 को प्रथम फिलिस्तीनी विद्रोह (इंतिफादा- Intifada) के दौरान, फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात ने एकतरफा फैसला कर येरुशलम को अपनी राजधानी बताते हुए फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में घोषित किया।