संदर्भ: 

हाल ही में, आयुष मंत्रालय ने भ्रामक विज्ञापनों और दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों के मुद्दों को संबोधित करने के लिए आयुष सुरक्षा पोर्टल लॉंच किया।                

अन्य संबंधित जानकारी 

  • आयुष सुरक्षा पोर्टल का शुभारंभ नागरिकों और पेशेवरों दोनों को आयुष प्रणालियों की अखंडता को बनाए रखने में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है।  
  • यह मंच भ्रामक विज्ञापनों के विरुद्ध एक सतर्क निगरानीकर्ता के रूप में कार्य करेगा तथा यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों तक केवल सुरक्षित एवं विश्वसनीय उत्पाद ही पहुंचें।
  • इस पोर्टल को केन्द्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (CCRS) के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है तथा इसे राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रम के साथ संरेखित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

  • पोर्टल को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में विकसित किया गया था, जिसमें भ्रामक विज्ञापनों और एडीआर पर डेटा को ट्रैक करने और प्रकाशित करने के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड बनाने का निर्देश दिया गया था।
  • आयुष मंत्रालय ने जून 2025 की समय-सीमा से पहले ही यह निर्देश पूरा कर लिया है।

लाभ और प्रभाव

नागरिक, स्वास्थ्य कर्मी और नियामक पोर्टल के माध्यम से सीधे समस्याओं की रिपोर्ट कर सकते हैं।

पोर्टल निम्नलिखित कार्यों के लिए एक केंद्रीकृत और सुलभ डैशबोर्ड प्रदान करता है:

  • रिपोर्ट किए गए मामलों पर नज़र रखने के लिए 
  • त्वरित विनियामक कार्रवाई  के लिए 
  • डेटा-संचालित विश्लेषण के लिए         

पोर्टल पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, जिससे उपयोगकर्ता अपनी रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की स्थिति देख सकते हैं।

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