संदर्भ:

राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office- NSSO) ने आयुष(AYUSH) पर पहला अखिल भारतीय सर्वेक्षण आयोजितकिया।

सर्वेक्षण के मुख्य निष्कर्ष

  • यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (National Sample Survey-NSS) के 79वें दौर के हिस्से के रूप में जुलाई 2022 से जून 2023 तक आयोजित किया गया था।
  • सर्वेक्षण मे भाग लेने वाले लगभग 95% ग्रामीण और 96% शहरी आयुष के बारे में जानते हैं।
  • लगभग 85% ग्रामीण और 86% शहरी परिवारों में कम से कम एक सदस्य औषधीय पौधों, घरेलू उपचारों, स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं और लोक चिकित्सा के बारे में जागरूक है।
  • पिछले 365 दिनों में लगभग 46% ग्रामीण और 53% शहरी लोगों ने रोगों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग किया।
  • आयुर्वेद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपचार के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली है।
    रिग्पा और होम्योपैथी की एक या अधिक प्रणालियों के उपयोग को रोगों/व्याधियों के उपचार/निवारण या रोगों की रोकथाम के लिए संदर्भित करता है।
  • आयुष का उपयोग मुख्यतः कायाकल्प और निवारक देखभाल के लिए किया जाता है।

आयुष (AYUSH)

  • आयुष आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी का संक्षिप्त रूप है। 
  • आयुष चिकित्सा पद्धति में भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी शामिल हैं।

सर्वेक्षण के उद्देश्य

सर्वेक्षण का व्यापक उद्देश्य निम्नलिखित पर जानकारी एकत्र करना था:

  • स्वास्थ्य देखभाल की पारंपरिक प्रणाली अर्थात आयुष चिकित्सा प्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक करना।
  • बीमारियों की रोकथाम या उपचार के लिए आयुष का उपयोग,
  • घरेलू उपचार, औषधीय पौधों और स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं/लोक चिकित्सा के बारे में घरों में जागरूकता पैदा करना।

सर्वेक्षण का वैचारिक ढांचा

परिवार के 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के सदस्य को “आयुष के बारे में जागरूक” माना गया है, यदि निम्नलिखित में से एक या अधिक शर्तें पूरी होती हैं:

  • यदि उसने आयुष चिकित्सा पद्धति से उपचार लिया हो।
  • यदि उसने आयुष प्रणाली के बारे में परिवार, मित्रों, चिकित्सकों, मीडिया (टी.वी., रेडियो, होर्डिंग्स, समाचार पत्र, आदि), शोध लेखों, पाठ्य पुस्तकों आदि से सुना हो।
  • यदि वह औषधीय पौधों या औषधीय महत्व वाले पौधों, घरेलू उपचार या उपचार या रोकथाम के लिए पारंपरिक तरीकों/लोक प्रक्रियाओं से अवगत है।
  • यदि वह पेशे से किसी भी एक श्रेणी में आयुष स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों/सेवा प्रदाताओं से जुड़ा हुआ है: पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी, अपंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी, दाई, मालिश करने वाले, फार्मासिस्ट, योग प्रशिक्षक, पंचकर्म चिकित्सक, कपिंग चिकित्सक आदि या आयुष दवाओं के उत्पादन/विनिर्माण में शामिल है।

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