संदर्भ:
हाल ही में, चुनाव आयोग ने EPIC को आधार से जोड़ने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के साथ बैठक निर्धारित की है।
अन्य संबंधित जानकारी
- चुनाव आयोग अपनी निरंतर कोशिशों के तहत मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) को आधार से जोड़ रहा है, ताकि फर्जी मतदाताओं को समाप्त किया जा सके।
- हाल ही में तृणमूल कांग्रेस ने भी पश्चिम बंगाल तथा अन्य राज्यों में मतदाताओं के एक ही EPIC नंबर होने का मुद्दा उठाया है।
पृष्ठभूमि
2021 में, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन किया गया। इस संशोधन के तहत आधार को EPIC के साथ जोड़ने की अनुमति दी गई थी ।
- चुनाव आयोग ने स्वैच्छिक आधार पर मतदाताओं से आधार संख्या एकत्र करना शुरू कर दिया।
हालाँकि, आधार और EPIC डेटाबेस को अभी तक लिंक नहीं किया गया है क्योंकि आधार को EPIC से जोड़ना अनिवार्य नहीं बनाया गया था।
मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC)
मतदाता पहचान पत्र, जिसे चुनाव फोटो पहचान पत्र (EPIC) के रूप में भी जाना जाता है, एक 10-अंकीय अल्फा-न्यूमेरिक मतदाता पहचान पत्र संख्या/EPIC संख्या है जो चुनाव आयोग द्वारा प्रत्येक मतदाता को जारी किया जाता है।
- EPIC नंबर का अर्थ है कि मतदाता पहचान संबंधी जानकारी रंगीन फोटो पहचान प्रारूप में डिजिटल रूप से संग्रहीत है।
चुनावों में मतदाता प्रतिरूपण को रोकने के लिए इसे मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अंतर्गत 1993 में देश भर में लागू किया गया था।
इसे ERONET डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से तब आवंटित किया जाता है। जब कोई नया मतदाता पंजीकरण करता है, जिसके बाद क्षेत्रीय विशिष्टता सुनिश्चित करने के लिए इसे राज्य और निर्वाचन क्षेत्र के डेटा से जोड़ दिया जाता है।
- ERONET एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म है जिसे चुनाव अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में पंजीकरण, स्थानांतरण और नामों को हटाने से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को संभालने के लिए विकसित किया गया था।
2021 में, चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक मतदाता फोटो पहचान पत्र (E -EPIC) लॉन्च किया, जो मतदाता पहचान पत्र का एक गैर-संपादन योग्य, सुरक्षित पीडीएफ संस्करण है जिसे डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जा सकता है।
किसी मतदाता को एफआईआर/पुलिस रिपोर्ट की एक प्रति के साथ प्रतिस्थापन EPIC जारी किया जा सकता है।
निर्वाचन आयोग
- यह आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 1950 में भारतीय संविधान द्वारा की गई थी।
- यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्य सभा, राज्य विधान सभाओं तथा देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए चुनावों का संचालन करता है।
- मूलतः आयोग में केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त होता था। वर्तमान में इसमें एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव आयुक्त हैं।
- राष्ट्रपति मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करता है।