संदर्भ:

हाल ही में, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के समय, आईआईटी दिल्ली के एरोसॉल वैज्ञानिकों ने इनडोर वायु गुणवत्ता और एयर प्यूरीफायर के महत्व पर चर्चा की।                            

इनडोर वायु प्रदूषण के कारक               

खाना पकाना: खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन (लकड़ी, कोयला) का उपयोग करने से हानिकारक कण पदार्थ, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य विषाक्त गैसें मुक्त होती हैं। 

  • यहाँ तक कि आधुनिक स्टोव के उपयोग के बावजूद, रसोईघर में वातायन या वायु-संचालन (वेंटिलेशन) की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण जहरीली गैसें और प्रदूषक जमा होने की संभावना होती हैं, जिसके कारण रसोईघर घर का सबसे प्रदूषित स्थान बन जाता है।

धूपबत्ती/मोमबत्ती जलाना: इन गतिविधियों से सूक्ष्म कण और वाष्पशील कार्बनिक यौगिक वायु में मुक्त होते हैं, जो घर के अंदर की वायु की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं।

इनडोर वायु गुणवत्ता की निगरानी का महत्व      

  • इनडोर अर्थात् घर के अंदर वायु गुणवत्ता (IAQ) बाह्य प्रदूषण, विशेषकर PM 2.5 जैसे कणों के हानिकारक प्रभावों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। PM 2.5 से श्वसन रोग, हृदय संबंधी समस्याएँ और तंत्रिका संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं।        
  • भारत के कई शहरों में PM 2.5 का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से अधिक है। ऐसे में घर के अंदर (इनडोर) वायु गुणवत्ता प्रबंधन उन लोगों के लिए आवश्यक हो जाता है, जो घर के अंदर काम करते हैं और इसे वहन कर सकते हैं।     

इनडोर प्रदूषण से निपटने के उपाय 

  • घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार करना महत्वपूर्ण है, लेकिन वायु प्रदूषण का मुख्य कारण बाहर की हवा की गुणवत्ता का खराब होना है। इसका समाधान व्यापक नीतियों और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से घर के अंदर और बाहर दोनों जगह के वायु प्रदूषण को दूर करने पर ही संभव है।
  • फॉर्मेल्डिहाइड मुक्त उत्पादों जैसे ठोस लकड़ी, जिप्सम बोर्ड, स्टेनलेस स्टील, कच्ची ईंट (एडोब), ईंट और टाइल का उपयोग करना चाहिए।
  • जहाँ तक संभव हो, पेंट, गोंद, सीलेंट, मोमबत्तियां और अगरबत्ती जैसे उच्च-उत्सर्जक उत्पादों का उपयोग बाहर ही करें, या जब भी घर के अंदर ऐसे उत्पादों या ऐसी गतिविधियाँ का उपयोग करें जिनसे प्रदूषक उत्पन्न हो सकते हैं, तो पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था रखे। 
  • वेंटिलेशन और छायांकन (shading) से घर के अंदर (इनडोर) तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। वेंटिलेशन इनडोर स्रोतों से आने वाले इनडोर वायुजनित प्रदूषकों को हटाने या कम करने में भी मदद करता है। इससे प्रदूषकों का स्तर कम होता है और इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना: घरों के विशेष कमरों (शयनकक्ष/लिविंग रूम) में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने से आंतरिक प्रदूषण में काफी कमी आ सकती है।             

एयर प्यूरीफायर की कार्यपद्धति     

  • सामान्यतः, एयर प्यूरीफायर में एक पंखा और एक HEPA (हाई एफिशिएंसी पार्टिकुलेट एयर) फिल्टर होता है, जो PM2.5 कणों को रोक लेता है।
  • कुछ प्यूरीफायर सेंसर से लैस होते हैं, जो वास्तविक समय (रियल टाइम) में वायु गुणवत्ता के अनुसार पंखे की गति को समायोजित करते हैं और इसकी दक्षता को बढ़ाते हैं।

महत्वपूर्ण विशेषताएँ    

  • स्वच्छ वायु वितरण दर (CADR): यह प्यूरीफायर द्वारा किसी निर्दिष्ट स्थान में वायु को साफ करने में लगने वाले समय को इंगित करता है। बड़े कमरे के लिए उच्च CADR उपयुक्त है।                
  • सक्रिय कार्बन फिल्टर: यह गैसीय प्रदूषकों को हटाने में मदद करता हैं, हालाँकि कणिकीय पदार्थ (पार्टिकुलेट मैटर) के लिए यह आवश्यक नहीं है।             

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