संदर्भ:

अरावली में एक शोध सर्वेक्षण के दौरान हरियाणा के दमदमा क्षेत्र में लम्बे आकार का कछुआ देखा गया, जो एक गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजाति का कछुआ है।

लम्बा कछुआ (इंडोटेस्टुडो इलॉन्गेट)

शारीरिक विवरण:

  • लम्बा कछुआ (Elongated tortoise) मध्यम आकार का होता है, जिसका खोल पीले-भूरे या जैतून के रंग का होता है तथा प्रत्येक ढाल के मध्य में स्पष्ट काले धब्बे होते हैं।
  • प्रजनन काल के दौरान इसके नाक में गुलाबी रंग का छल्ला दिखाई देता है।
  • दोनों लिंगों के परिपक्व कछुओं के नथुने और आंखों के आसपास एक विशिष्ट गुलाबी रंग विकसित हो जाता है। 

आवास और उपलब्धता:

  • यह कछुआ साल पर्णपाती और पहाड़ी सदाबहार जंगलों में पाया जाता है।
  • यह प्रजाति पूर्वोत्तर भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस और मलेशिया में व्यापक रूप से पाया जाता है।
  • पूर्वी भारत के छोटा नागपुर पठार में इसकी असंयुक्त आबादी मौजूद है।
  • यह समुद्र तल से 1,000 मीटर ऊपर की निचली भूमि और तलहटी में भी निवास करता है।

संरक्षण की स्थिति:

  • इन कछुओं को वर्ष 2018 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में शामिल किया गया था और मानदंड एटूसीडी (A2cd) के तहत उन्हें गंभीर रूप से संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • इसे वनस्पतियों और जीवों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (CITES) के परिशिष्ट II में सूचीबद्ध किया गया है।

संकट:

  • भोजन और पारंपरिक चिकित्सा के लिए इसका अत्यधिक दोहन किया जाता है।
  • स्थानीय लोग अक्सर खेती करते समय या अन्य वन संसाधनों का दोहन करते समय अवसरवादी तरीके से इन कछुओं को पकड़ लेते हैं।

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