संदर्भ:

अगस्त, 2024 में, भारत पहले बहुराष्ट्रीय वायु सेना अभ्यास, तरंग शक्ति की मेजबानी करेगा।

अन्य संबंधित जानकारी

  • हाल ही में, भारतीय वायु सेना (IAF) ने अमेरिका में संपन्न हुए रेड फ्लैग (Red Flag) अभ्यास में तरंग शक्ति अभ्यास की मेजबानी करने की घोषणा की।
  • इस अभ्यास में लगभग 10 देशों के भाग लेने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य देशों के पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने की संभावना है।
  • इस अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी टुकड़ियाँ भेजेंगे।
  • जर्मनी अपने लड़ाकू जेट विमानों के साथ-साथ A-400M परिवहन विमान को भी भेजेगा।
    A-400M लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के लिए इसके प्रदर्शन से संबंध होगा, क्योंकि यह मध्यम परिवहन विमान के लिए खुली निविदा का दावेदार है।
  • इस अभ्यास को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा।
    इसका पहला चरण अगस्त के पहले दो सप्ताह में दक्षिण भारत में आयोजित किया जाएगा, और दूसरा चरण अगस्त के अंत से सितंबर के मध्य तक पश्चिमी क्षेत्र (जोधपुर, राजस्थान) में आयोजित किया जाएगा।
  • कुछ देश दोनों चरणों में भाग लेंगे, जबकि कुछ अन्य देश दोनों चरणों में से किसी एक में भाग लेंगे।

महत्व:

  • इस व्यापक अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच पेशेवर संपर्क को बढ़ाना, युद्ध सिद्धांतों को समृद्ध करना तथा बेहद महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान करना है।
  • यह युद्ध अभ्यास (Wargame) भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

रेड फ्लैग अभ्यास (Red Flag Exercise) के बारे में

  • इसका आयोजन अमेरिकी वायु सेना (USAF) द्वारा किया गया तथा इसका आयोजन अलास्का के एइलसन एयर फ़ोर्स बेस पर हुआ।
  • इस वर्ष यह रेड फ्लैग अभ्यास का दूसरा संस्करण था। अमेरिकी वायु सेना (USAF) द्वारा वर्ष में चार बार इस अभ्यास का आयोजन किया जाता है।
  • रेड फ्लैग एक उन्नत हवाई युद्ध अभ्यास है, जिसे यथार्थवादी युद्ध व्यवस्था प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपेक्षित परिवेश का अनुकरण करने के लिए बलों के कार्यों को निर्धारित किया जाता है, जिसमें रेड फोर्स वायु रक्षा से संबंधित बातों का अनुकरण करता है और ब्लू फोर्स आक्रामक समग्र तत्वों का अनुकरण करता है।
  • इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने राफेल विमान तथा इसके कर्मियों, तकनीशियनों, इंजीनियरों, नियंत्रकों के साथ-साथ संबंधित विषय के विशेषज्ञों के साथ भाग लिया।
  • भारतीय वायु सेना ने रेड फ्लैग अभ्यास में पहली बार 08 राफेल लड़ाकू विमान के साथ भाग लिया, जिसने अटलांटिक महासागर को पार करने में IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलर के साथ-साथ C-17 ग्लोबमास्टर विमान की भी सहायता की।
  • इसकी अन्य मुख्य परिणामों में अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करने की गहरी जानकारी और बहुराष्ट्रीय संदर्भ में रोजगार दर्शन की साझा समझ शामिल थी।

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