संदर्भ:

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अन्वेषण और उत्पादन (Exploration and Production-E&P) क्षेत्र में वर्ष 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का निवेश आकर्षित करने की क्षमता है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • ऊर्जा वार्ता के पहले संस्करण के उद्घाटन सत्र में मंत्री ने ऊर्जा स्वतंत्रता और आर्थिक विकास हासिल करने में अन्वेषण और उत्पादन क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया।
  • उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में तेल और गैस से समृद्ध 26 भूमिगत क्षेत्र हैं, जिनका अन्वेषण किया जाना अभी बाकी है।

अन्वेषण और उत्पादन क्या है?

  • अन्वेषण और उत्पादन (E&P) तेल और गैस उद्योग के भीतर एक विशिष्ट क्षेत्र है जो ऊर्जा उत्पादन के शुरुआती चरण से संबंधित है, जिसमें आम तौर पर तेल और गैस की खोज और निष्कर्षण शामिल होता है।
  • वर्तमान में, भारत के तलछटी घाटी क्षेत्र का केवल 10% ही अन्वेषण के अधीन है। आगामी ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OLAP) राउंड के अंतर्गत ब्लॉक देने के बाद, यह 2024 के अंत तक बढ़कर 16 प्रतिशत हो जाएगा।

ऊर्जा वार्ता 2024

  • हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (DGH) द्वारा आयोजित ऊर्जा वार्ता 2024 एक दो दिवसीय सम्मेलन है जिसका उद्देश्य भारत के अप्रयुक्त अपस्ट्रीम हाइड्रोकार्बन संसाधनों को स्थायी रूप से खोलना है।
  • यह क्षेत्र के भविष्य पर संवाद के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, निवेश, नवाचार, साझेदारी और सतत विकास को बढ़ावा देता है।

सरकारी पहल और सुधार

  • अन्वेषण को बढ़ावा देना: भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपने अन्वेषण क्षेत्र को 1 मिलियन वर्ग किमी तक बढ़ाना है।
  • प्रतिबंधों में कमी: भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में “नो-गो”( No-Go) क्षेत्रों को लगभग 99% तक कम कर दिया गया है।
  • ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी और डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड (DSF) नीति: ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी और डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड (DSF) नीति जैसी पहलों के माध्यम से अन्वेषण गतिविधियों में तेजी लाई जा रही है।
    ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी, निवेशकों को राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी (NDR) से डेटा के आधार पर ब्लॉक चुनने का अधिकार देता है।  

डेटा-संचालित अन्वेषण

  • सरकार नए भूकंपीय डेटा के अधिग्रहण, स्ट्रैटिग्राफिक कुओं का वित्तपोषण और दुर्गम इलाकों में हवाई सर्वेक्षण डेटा प्राप्त करने के लिए 7,500 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
  • अब पश्चिमी तट पर केरल-कोंकण बेसिन और मुंबई ऑफशोर बेसिन और पूर्वी तट पर महानदी और अंडमान बेसिन के लिए भू-वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध हैं।
  • राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी को क्लाउड-आधारित प्रणाली में अद्यतन किया जा रहा है, जिससे भूकंपीय, कुओं और उत्पादन डेटा का तुरंत प्रसार हो सकेगा।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस

  • 37 अनुमोदन प्रक्रियाओं को 18 में समेकित करके इसे और सरल बनाया है, जिसमें 9 प्रक्रियाओं में अब स्व-प्रमाणन उपलब्ध हैं।
  • उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह (JWG) की स्थापना की गई है।

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