- वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने 3 सितंबर 2025 को आयोजित अपनी 56वीं बैठक में आठ साल पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत अगली पीढ़ी के सुधारों को मंजूरी दी।
- इससे 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की व्यापक दो-स्तरीय कर संरचना का मार्ग प्रशस्त होता है, जबकि केवल अति-विलासिता, पाप और अवगुण वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू होगी।
उद्देश्य
- व्यापक दरों में कटौती और GST स्लैब में कमी के माध्यम से आम जनता पर कर का बोझ कम करना।
- अवरुद्ध कार्यशील पूंजी को मुक्त करना तथा स्वचालित धनवापसी और पंजीकरण प्रक्रिया द्वारा व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित करना।
- तंबाकू और तंबाकू उत्पादों को छोड़कर, सभी कर दरों में बदलाव 22 सितंबर से लागू होंगे।
GST परिषद
- संविधान के अनुच्छेद 279A(1) के तहत, संविधान (101वाँ) संशोधन अधिनियम, 2016 के लागू होने के 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति द्वारा GST परिषद का गठन किया जाना था। अनुच्छेद 279A की अधिसूचना 12 सितंबर से प्रभावी हुई।
- अनुच्छेद 279A (2) के अनुसार, GST परिषद में निम्नलिखित सदस्य होते हैं:
- केंद्रीय वित्त मंत्री
- राजस्व या वित्त का प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री
- प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित वित्त/कराधान का प्रभारी मंत्री या अन्य मंत्री
- उन राज्यों में राज्यपाल द्वारा नामित व्यक्ति, जहाँ अनुच्छेद 356 के तहत आपातकाल लागू हो।
- अनुच्छेद 279 A (4) के अनुसार, GST परिषद केंद्र और राज्यों को GST से संबंधित विषयों पर सिफारिशें देती है, जैसे:
- किन वस्तुओं व सेवाओं पर GST लागू या मुक्त किया जा सकता है।
- आदर्श GST कानून और कर लगाने के सिद्धांत।
- आपूर्ति के स्थान को नियंत्रित करने वाले प्रावधान।
- सीमाएँ, न्यूनतम दरें और GST दरों की संरचना।
- प्राकृतिक आपदाओं के दौरान विशेष दरें।
- कुछ राज्यों के लिए विशेष प्रावधान।
- परिषद के निर्णय में, कुल मतों का एक-तिहाई हिस्सा केंद्र सरकार का तथा दो-तिहाई हिस्सा राज्य सरकारों का होता है।
GST परिषद की सिफारिशों की मुख्य विशेषताएँ
- आम जनता, श्रम-प्रधान उद्योगों, किसानों, कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दरों का युक्तिकरण।
- वर्तमान 4-स्तरीय संरचना को नागरिक-अनुकूल “सरल कर” प्रणाली में बदलना:
- 18% मानक दर और 5% योग्यता दर।
- चुनिंदा वस्तुओं व सेवाओं पर 40% विशेष दर।
मुख्य बदलाव
- जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर GST से छूट।
- दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर GST कर घटाकर 5%।
- हस्तशिल्प, संगमरमर/ग्रेनाइट ब्लॉक, मध्यवर्ती चमड़े के सामान जैसी श्रम-गहन वस्तुओं पर 12% से घटाकर 5%।
- सभी दवाओं पर 12% से घटाकर 5% तथा चिकित्सा उपकरणों पर 18% से घटाकर 5%।
- नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों और उनके पुर्जों पर 12% से घटाकर 5%।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर 28% से घटाकर 18%।
- शिक्षा से जुड़ी स्टेशनरी पर GST समाप्त।
- कृषि, बागवानी, वानिकी, मुर्गीपालन व मधुमक्खीपालन मशीनरी पर GST 12% से घटाकर 5%।
- सौंदर्य एवं स्वास्थ्य सेवाओं (हेल्थ क्लब, सैलून, फिटनेस सेंटर, योग आदि) पर 18% से घटाकर 5% (बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट।
- सभी प्रकार की बैटरियों (लिथियम-आयन सहित) पर समान 18% दर।
- आयातित वस्तुओं पर अधिसूचित GST दरें लागू।
- लॉटरी टिकट, सट्टा, जुआ, घुड़दौड़ और कैसीनो पर 40% GST।
- क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त कर उसकी दर को GST में समाहित किया गया।
पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार
- कम जोखिम वाले व्यवसायों के लिए पंजीकरण का स्वतः अनुदान 3 कार्यदिवसों में।
- डेटा विश्लेषण के आधार पर जोखिम-आकलन।
- 2.5 लाख रुपये/माह से अधिक ITC प्राप्त न करने वालों के लिए विशेष विकल्प।
- विकल्प से वापसी हेतु सरल प्रक्रिया।
गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO)
- BIS प्रमाणन को अनिवार्य करने वाले आदेशों की निगरानी के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव एवं नीति आयोग के सदस्य राजीव गौबा की अध्यक्षता में की जाएगी ।
राज्यों की चिंताएँ
- विपक्ष शासित राज्यों ने दर युक्तिकरण प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन राजस्व हानि को लेकर चिंता जताई।
- अनुमानित वार्षिक राजस्व हानि: ₹85,000 करोड़ से ₹2 लाख करोड़।
- राज्यों ने कम से कम पाँच वर्षों तक 14% राजस्व वृद्धि से कम रहने की स्थिति में केंद्र से क्षतिपूर्ति की माँग की।