संदर्भ:
अंतर-सरकारी वार्ता समिति (INC-5) का पांचवा सत्र, जो 25 नवंबर से 1 दिसंबर तक दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित हुआ, यह वार्ता बिना किसी नतीजे के प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए वैश्विक संधि पर सहमति बनाने में विफल रही।
अन्य संबंधित जानकारी
- इस सम्मेलन में लगभग 170 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा जहाँ संधि के दायरे को लेकर विभिन्न देशों के बीच व्यापक असहमति प्रदर्शित हुई, जिसमें प्लास्टिक उत्पादन की सीमा तय करना, चिंताजनक प्लास्टिक उत्पादों और रसायनों का प्रबंधन करना तथा संधि को लागू करने में विकासशील देशों की सहायता हेतु वित्तपोषण करना शामिल था।
- यद्यपि यह वार्ता का अंतिम दौर था, लेकिन देशों ने वर्ष 2025 में अनुवर्ती सत्र में चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसे अस्थायी रूप से INC-5.2 नाम दिया गया।
असहमति के मुख्य बिंदु
- सबसे विवादास्पद मुद्दा यह था कि क्या संधि में प्राथमिक प्लास्टिक पॉलिमर उत्पादन में कमी लाने के लक्ष्य रखे जाने चाहिए।
- कुवैत सहित कुछ देशों के प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त की कि इस संधि का दायरा प्लास्टिक प्रदूषण से आगे बढ़कर व्यापार और आर्थिक मुद्दों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।
- पेट्रोकेमिकल उद्योगों पर निर्भर सऊदी अरब और भारत जैसे देशों ने पॉलिमर उत्पादन में कटौती का लक्ष्य निर्धारित करने का विरोध किया और तर्क दिया कि इससे उनकी अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान होगा।
- इसके विपरीत, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने एक संधि की मांग की जो उत्पादन सहित प्लास्टिक के सम्पूर्ण जीवनचक्र से निपटे।
भारत का दृष्टिकोण
- भारत ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने और सतत विकास सुनिश्चित करने के बीच संतुलन बनाने का आह्वान किया, विशेष रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए।
- इसने सर्वसम्मति आधारित निर्णय लेने में अपने विश्वास को दोहराया तथा इस बात पर बल दिया कि “जब तक सभी बातों पर सहमति नहीं हो जाती, तब तक किसी बात पर सहमति नहीं होती है।”
- भारत ने अध्यक्ष से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भविष्य की वार्ताओं में सदस्य देशों के विचारों को पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित किया जाए तथा इसने आगे बढ़ने के लिए एक निष्पक्ष, समावेशी और पारदर्शी प्रक्रिया के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
अंतर-सरकारी वार्ता समिति
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-5.2) के पांचवें सत्र ने संकल्प 5/14 को अपनाया, जिसके तहत प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक संधि विकसित करने हेतु अंतर-सरकारी वार्ता समिति का गठन किया गया।
- इस संधि का उद्देश्य वित्तीय, तकनीकी और क्षमता निर्माण तंत्रों के प्रावधानों के साथ-साथ प्लास्टिक उत्पादन, डिजाइन, व्यापार, अपशिष्ट प्रबंधन, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व और न्यायसंगत संक्रमण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विचार करना है।
- प्रस्ताव का उद्देश्य वर्ष 2024 के अंत तक संधि को अंतिम रूप देना था, लेकिन प्रगति की कमी से निराश प्रतिनिधियों ने वर्ष 2025 में INC-5.2 के रूप में वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।
- INC-1 का पहला सत्र उरुग्वे के पुंटा डेल एस्टे में सम्पन्न हुआ, इसके बाद दूसरा सत्र (INC-2) फ्रांस के पेरिस में और तीसरा सत्र (INC -3) नैरोबी, केन्या में सम्पन्न हुआ था।
- चौथा सत्र (INC-4) 23 से 29 अप्रैल 2024 तक कनाडा के ओटावा में आयोजित हुआ था।