सम्बन्धित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
संदर्भ:
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है।
अन्य सम्बन्धित जानकारी
- अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने की घोषणा 29 जुलाई, 2010 को सेंट पीटर्सबर्ग में की गई थी, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में बाघ संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ाने के लिए सभी बाघ पर्यावास वाले देशों को एकजुट करना था।
- घटती हुई बाघों की संख्या से निपटने के लिए तेरह बाघ-आवासीय देश एकजुट हुए और उन्होंने वर्ष 2022 तक वन्य बाघों की आबादी को दोगुना करने की प्रतिबद्धता जताई, जिसे ‘Tx2’ लक्ष्य के नाम से जाना जाता है।
- थीम: इस वर्ष की थीम है — “आदिवासी समुदायों और स्थानीय समुदायों को केंद्र में रखते हुए बाघों के भविष्य को सुरक्षित करना”।
- वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) के अनुसार, लगभग एक सदी पहले वन क्षेत्रों में करीब 1,00,000 बाघ विचरण करते थे, जबकि वर्तमान अनुमानों के अनुसार आज यह संख्या घटकर लगभग 4,000 रह गई है — और यह संख्या लगातार घटती जा रही है।
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस का महत्व
- यह दिवस इन शानदार प्रजातियों के संरक्षण से जुड़ी चुनौतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके सुरक्षित भविष्य हेतु किए जा रहे प्रयासों को उजागर करने का माध्यम है।
- बाघों की सुरक्षा एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है; अतः एक शीर्ष शिकारी एवं की-स्टोन प्रजाति के रूप में इनका संरक्षण जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
- यह दिवस राष्ट्रों को एक साथ लाता है और बाघ संरक्षण को एक साझा वैश्विक जिम्मेदारी के रूप में रेखांकित करता है, जो हमारी विरासत, संस्कृति और पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस सभी सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों को संरक्षण के पक्ष में जागरूकता, वित्तीय सहयोग या प्रत्यक्ष प्रयासों के माध्यम से बाघ संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है।
बाघों का वर्तमान अनुमान
- ग्लोबल टाइगर फ़ोरम के नवीनतम जनसंख्या अनुमान के अनुसार, वर्तमान में जंगली बाघों की संख्या लगभग 5,574 है। यह संख्या 2010 की तुलना में 74% की वृद्धि को दर्शाती है।
- पिछले 12 वर्षों में भूटान, चीन, भारत, नेपाल और रूस में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है।
भारत:
- भारत ने बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है और यहां 3,682 बिग कैट हैं।
- भारत में अब दुनिया की सबसे बड़ी बाघ आबादी है। दुनिया के बाघ पर्यावास का केवल 18% हिस्सा भारत में है और बाघ-क्षेत्र वाले देशों में यह सबसे ज़्यादा मानव घनत्व वाला देश है, फिर भी दुनिया के 75% जंगली बाघ भारत में ही हैं।

संरक्षण प्रयास
एकीकृत बाघ आवास संरक्षण कार्यक्रम (ITHCP): वर्ष 2014 से, IUCN ने जर्मन सहयोग (KfW विकास बैंक के माध्यम से) के समर्थन से बाघ बहुल क्षेत्रों में 33 परियोजनाओं के माध्यम से भूटान, भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे प्रमुख देशों में कुल €47.5 मिलियन का निवेश किया है।
- इस अधिकार-आधारित दृष्टिकोण ने समुदायों को बाघ संरक्षण के केन्द्र में रखा है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि उनकी आवाज सुनी जाए, उनकी आजीविका को समर्थन मिले, तथा उनके नेतृत्व को मान्यता मिले।
भारत:

- रॉयल बंगाल टाइगर भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसका अस्तित्व केवल वन्यजीवों की चिंता नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी है।
- प्रोजेक्ट टाइगर (भारत) : यह परियोजना 1973 में शुरू की गई थी, यह परियोजना बाघ अभयारण्यों की स्थापना और कड़े संरक्षण उपायों के माध्यम से बाघों की आबादी बढ़ाने में सहायक रही है।
- भारत में 53 बाघ अभयारण्य हैं, जो देश की बाघ आबादी की सुरक्षा के लिए स्थापित किए गए हैं। इन अभयारण्यों का प्रबंधन 1973 में शुरू की गई एक संरक्षण पहल, प्रोजेक्ट टाइगर के तहत किया जाता है।
- ये बाघ लगभग 1,38,200 वर्ग किलोमीटर जंगल क्षेत्र में बसे हुए हैं, जो कि यूनाइटेड किंगडम के क्षेत्रफल का लगभग आधा है, और वे यह क्षेत्र लगभग 6 करोड़ लोगों के साथ साझा करते हैं।