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सामान्य अध्ययन-3: पर्यावरण संरक्षण

संदर्भ: 

हाल ही में, डॉ. हिमांशु कुलकर्णी अंतर्राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 प्राप्त करने वाले भारतीय उपमहाद्वीप के पहले व्यक्ति बने।

अंतर्राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2025 के बारे में

  • इस पुरुस्कार की घोषणा 2024 में की गई और औपचारिक रूप से 15 सितंबर 2025 को प्रदान किया जाएगा।
  • पुरस्कार में एक ट्रॉफी और 25,000 अमेरिकी डॉलर का नकद पुरस्कार शामिल है।
  • डॉ. कुलकर्णी को भूजल प्रशासन और जलभृत आधारित जल प्रबंधन में उनके अग्रणी कार्य, जिसमें सामुदायिक भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया, के लिए सम्मानित किया गया, ।
  • ओक्लाहोमा विश्वविद्यालय (OU) वाटर सेंटर अपने अंतर्राष्ट्रीय जल पुरस्कार को आंतरिक नामांकन और चयन प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान करता है, न कि सार्वजनिक नामांकन के माध्यम से, तथा पिछले प्राप्तकर्ताओं को उनके वार्षिक सम्मेलन में शामिल किया जाता है।

डॉ. हिमांशु कुलकर्णी के बारे में

  • वे ACWADAM (एडवांस्ड सेंटर फॉर वॉटर रिसोर्सेज डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट), पुणे के संस्थापक, ट्रस्टी और सचिव हैं, इस संस्था ने सामुदायिक-नेतृत्व वाले भूजल प्रबंधन की अवधारणा को अग्रणी रूप से आगे बढ़ाया है।
  • उन्होंने नीति आयोग की 12वीं योजना के एक कार्य समूह में सह-अध्यक्ष के रूप में सेवा दी और राष्ट्रीय एक्विफर मैपिंग कार्यक्रम (NAQUIM) में भी योगदान दिया।
  • उन्होंने भूजल को एक साझा संसाधन (Common Pool Resource) के रूप में मान्यता देने की वकालत की और सतत प्रबंधन के लिए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा दिया।
  • उन्होंने अपना पूरा करियर भारत में जल शासकीय ढांचे (Water Governance Frameworks) को मजबूत करने के लिए अनुसंधान, नीतिगत सुझावों और संस्थागत निर्माण के माध्यम से समर्पित किया है।

इंटरनेशनल वॉटर प्राइज़ (अंतरराष्ट्रीय जल पुरस्कार)

यह पुरस्कार हर दो साल में दिया जाता है और इसकी शुरुआत 2009 में यूनिवर्सिटी ऑफ ओक्लाहोमा, यूएसए के WaTER सेंटर द्वारा की गई थी।

  • WaTER सेंटर का उद्देश्य है: स्वच्छ जल और स्वच्छता से जुड़े स्थायी समाधानों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर गरीब क्षेत्रों में शांति को प्रोत्साहित करना। यह कार्य नवोन्मेषी शिक्षण, अनुसंधान, और सेवा/नेतृत्व गतिविधियों के माध्यम से किया जाता है।

यह पुरस्कार विकासशील और नवोदित क्षेत्रों में जल आपूर्ति और स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य करने वालों पर केंद्रित है।

इस पुरस्कार का उद्देश्य है: जल से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने में अनुसंधान, शिक्षण या सेवा के माध्यम से किए गए उत्कृष्ट योगदान को सम्मानित करना।

पुरस्कार का मुख्य लक्ष्य है: दुनिया की सबसे गरीब और सबसे कमजोर आबादी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता तक पहुंच को बेहतर बनाना।

Source:
pune 
Indian Express
News

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