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सामान्य अध्ययन-3: बुनियादी ढाँचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
संदर्भ:
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने अपनी नवीकरणीय ऊर्जा रिपोर्ट, 2025 जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2030 तक लगभग 4,600 गीगावाट तक बढ़ने का अनुमान है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) 1974 में पेरिस में स्थापित एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है। यह वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र पर नीतिगत सिफारिशें, विश्लेषण और डेटा प्रदान करता है। भारत IEA का पूर्ण सदस्य नहीं है, क्योंकि यह 2017 में एक संबद्ध देश (Association country) के रूप में IEA में शामिल हुआ था।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि जब तक देश नीतिगत सुधारों, ग्रिड विस्तार और वित्तपोषण उपायों में तेजी नहीं लाते, तब तक वर्ष 2030 तक नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना करने के COP28 के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकेगा।
- रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वैश्विक सौर फोटोवोल्टिक (PV) क्षमता अगले पांच वर्षों में दोगुनी हो जाएगी और समग्र नवीकरणीय विकास में लगभग 80 प्रतिशत का योगदान देगी।
- इसमें कहा गया है कि सौर पी.वी. 2030 तक जल विद्युत को पछाड़ते हुए, वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय विद्युत का सबसे बड़ा स्रोत बनने की दिशा में अग्रसर है।
- वर्ष 2025 और 2030 के बीच 80 प्रतिशत से अधिक देशों में पिछले पाँच वर्षों की तुलना में नवीकरणीय ऊर्जा में तेजी आने की उम्मीद है।
- अनुमान है कि 2030 तक वैश्विक विद्युत उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 43 प्रतिशत होगी, जोकि 2024 में 32 प्रतिशत थी।
नवीकरणीय विकास में भारत की उभरती भूमिका
- रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भारत, चीन के बाद नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार के लिए विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार बनने के लिए तैयार है।
- उच्च नीलामी मात्रा, रूफटॉप सौर पहल और सुचारू जलविद्युत अनुमोदनों द्वारा समर्थित, भारत की नवीकरणीय क्षमता 2030 तक 2.5 गुना बढ़ने की उम्मीद है।
- राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख राज्य अग्रणी नवीकरणीय ऊर्जा केन्द्र के रूप में उभर रहे हैं।
- भारत की प्रगति नीतिगत महत्वाकांक्षा से व्यावहारिक कार्यान्वयन की ओर संक्रमण को दर्शाती है, जो कुशल नीलामी और बढ़ते निवेशक विश्वास से प्रेरित है।
- रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि समय पर पारेषण (Transmission) बुनियादी ढांचे का विस्तार और वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता इस विकास प्रक्षेपवक्र को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक रुझान
- चीन वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता बना हुआ है, जिसका कुल क्षमता वृद्धि में लगभग 60 प्रतिशत योगदान है।
- कर प्रोत्साहनों (Incentives) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और नियामक चुनौतियों के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के दृष्टिकोण में गिरावट देखी गई है।
- कॉर्पोरेट बिजली खरीद समझौतों और व्यापक रूप से रूफटॉप सौर ऊर्जा अपनाने से, यूरोप का नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार स्थिर बना हुआ है।